इस महिला फारेस्ट अधिकारी ने अपनी बहादुरी से सैकड़ों तेंदुए और शेर की जान बचाई: Rasila Wadher

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वन संरक्षण सभी प्राणियों के लिए कितना आवश्यक है, यह हम भली भांति जानते हैं। वहां रहने वाले जीव-जन्तुओं का जीवित रहना भी अति आवश्यक है। जैसा कि हम सभी बहुत अच्छे से जानते हैं कि हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में कार्यरत हैं, और हर जगह पुरुषों के साथ के कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं। आपको पहले भी इनके हौसले, हुनर और कला से अवगत कराया जा चुका है। आज हम इस कहानी के माध्यम से जिनके बारे में बताने जा रहे हैं, वह महिला अब तक अपनी जान दाव पर लगाकर 1000 से अधिक जानवरों को बचा चुकी हैं।

बहादुर लड़की रसीला

यह बहादुर लड़की गुजरात (Gujrat) के गिर वन में कार्यरत है। इनका नाम रसीला वढेर (Rasila Wadher) है। रसीला ने 2007 में वनकर्मी परीक्षा मे सफ़लता हासिल कर 2008 से जंगल में कार्य करना प्रारंभ किया था। रसीला ने ‘रेस्क्यू ऑपरेशन’ में भाग लिया और जानवरों की जान बचाने लगी। IFS ऑफिसर परवीन कासवान ने जानवरों के रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में अपने ट्विटर पर जनकारी देते हुए रसीला के बारे में विस्तार से बताया है।

यह कहानी है रसीला की जो गुजरात के गिर फॉरेस्ट में ऑफिसर हैं। वह जानवरों के रेस्क्यू टीम की हिस्सा हैं। इन्होंने अब तक 1000 से अधिक जानवरों का बचाव किया हैं। जिस रेस्क्यू में 500 तेंदुए, 300 शेर, दुर्लभ प्रजाति के सांप और मगरमच्छ शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह जंगल मे एक दम निडर होकर जंगल के राजा शेर के तरह चल कर जानवरों का देखभाल करती हैं। इस ट्वीट को परवीन ने ‘World Lion Day’ के अवसर पर ट्वीट किया था।

नरेंद्र मोदी ने किया पहली बार वन विभाग महिला टीम का गठन

महिलाओं को जंगल में तैनात करने वाला गुजरात प्रथम राज्य है। इस वन विभाग महिला टीम का गठन गुजरात के मुख्यमंत्री “नरेंद्र मोदी” के द्वारा 2007 में हुआ है। ये तो हर व्यक्ति जानता है कि वन में भ्रमण कर काम करना कितना जोखिम भरा होता है। लेकिन यह सब वहां के महिलाओं लिए आम खतरा बन गया है। वहां के जानवरों को बचाना उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण कार्य हो चुका है।

रसीला का कार्य

रसीला (Rasila) वन संरक्षण के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। अगर ड्यूटी खत्म हो गया और वह घर आ चुकी हैं तो भी उनका ध्यान वन के जीव-जन्तुओं के लिए लगा रहता है। अगर वन विभाग से कोई कॉल करके उनको बता दे कि जानवरों की जान खतरे में है तो वह फ़ौरन दौड़ कर वहां चली जाती हैं। कोई जानवर को चोट लग जाये तो वह ख़ुद उनका मरहम पट्टी और देखभाल करती हैं। जो कार्य वन विभाग के ऑफिसर रसीला ने किया है, वह प्रशंसनीय है। इसके लिए उन्हें सलाम करता है।

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