जॉर्ज फर्नांडिस:- एक मजदूर से देश के रक्षा मंत्री बनने तक की कहानी

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भारतीय राजनीति का एक ऐसा शिखर पुरूष जिसकी मजदूरों के बीच गहरी पैठ थी ! अपने आक्रामक तेवर और बिना कोई लाग-लपेट के सीधी और यथार्थ बात करने के कारण उनकी छवि एक क्रांतिकारी समाजवादी नेता के रूप में उभरी जिसे लोग बखूबी पसन्द करते थे ! आईए जानते हैं भारतीय राजनीति के इस अमर पुरोधा की जीवन कहानी !

शुरूआती जीवन

जार्ज फर्नांडिस जी का जन्म 3 जून 1930 को मैंगलोर में हुआ था ! उनकी प्राथमिक पढाई मैंगलोर से हीं हुई ! 12वीं उतीर्ण होने के बाद घर की परम्परा के अनुसार उन्हें बैंगलोर के सेंट पीटर सेमिनरी में धार्मिक शिक्षा हेतु भेज दिया गया ! वहाँ जार्ज जी का मन कतई नहीं लगा और वे 19 वर्ष की आयु में वहाँ से भाग गए ! उसके बाद वे मैंगलोर में एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी व होटल में काम करने लगे ! 1949 में उन्होंने मैंगलोर को छोड़ दिया और काम की खोज में वे मुंबई आ गए ! मुंबई में कोई ठिकाना ना रहने के कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा ! उन्हें फूटपाथ पर सोना पड़ा जहाँ हर रोज एक पुलिस वाला उन्हें फूटपाथ से भी उठा दिया करता था और उन्हें मजबूरन जमीन पर सोना पड़ता था !

मजदूर नेता बन राजनैतिक पारी की शुरूआत

मुंबई में शुरूआती दिनों के कई कष्ट झेलने के बाद वे 1950 में राममनोहर लोहिया जी से मिले और उनसे बेहद प्रभावित हुए ! उसके बाद वे “सोशलिस्ट ट्रेड यूनियन” में शामिल हो गए और मजदूरों , कम पैसे पर काम करने वाले लोगों , होटलों में कार्यरत मजदूरों के लिए पुरजोर आवाज उठाने लगे ! कुछ समय पश्चात हीं वे मजदूरों की आवाज बन गए ! वे मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ते रहे , उनकी तरफ से एक बुलन्द आवाज उठाते रहे ! संघर्ष का सिलसिला यूं हीं चलता रहा और 1961 में जार्ज फर्नांडिस मुंबई सिविक के चुनावी मैदान में उतरे और जीतकर मुंबई नगरपालिका के सदस्य बने ! पद प्राप्ति के बाद उन्होंने मजदूरों की लड़ाई और तेज कर दी और इस कारण वे राजनेताओं की नजर में आने लगे ! 1967 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी की ओर से जॉर्ज फर्नांडिस जी को मुंबई दक्षिण सीट का लोकसभा उम्मीदवार बनाया गया ! अपनी पहचान और कार्यों से लोगों के दिलों में जो पहचान जॉर्ज ने तब तक बनाई थी पूरी की पूरी चुनाव परिणाम के साथ उनके जीत के रूप में सबके सामने था ! वे 48.5 फीसदी वोटों से जीते ! उन्हें 1969 में पार्टी का महासचिव बनाया गया तत्पश्चात 1973 में उसी पार्टी के अध्यक्ष बने ! वे 1974 में वे ऑल इंडिया रेलवे फेेडरेशन का अध्यक्ष बने और रेलवे कर्मचारियों की स्थिति सुधारने के लिए एक वृहद हड़ताल शुरू कर दिया ! उस हड़ताल में उनकी एक अपील और थम गई थी मुंबई ! वह हड़ताल इतना असरकारक सिद्ध हुआ कि वह इतने वर्षों के बीत जाने के बाद आज भी लोगों के बीच जिंदा है ! एक उस हड़ताल ने जॉर्ज फर्नांडिस को देशव्यापी पहचान दिलाई !

कई क्षेत्रों से जीते और कई मंत्रालयों को संभाला

जॉर्ज फर्नांडिस एक ऐसे राजनीतिज्ञ थे जिनकी पहचान देशव्यापी थी ! वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे ! वे देश के अलग-अलग हिस्सों से जनप्रतिनिधि के रूप में चुने गए ! कर्नाटक में जन्मे जॉर्ज कुल 9 बार लोकसभा व 1 बार राज्यसभा सांसद रहे ! जार्ज फर्नांडिस दक्षिण मुंबई , नालन्दा , मुजफ्फरपुर सीट से लोकसभा सदस्य रहे ! उन्होंने अपने लम्बे राजनीतिक कैरियर में रेलवे , उद्योग , रक्षा , संचार जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों को सँभाला ! जॉर्ज जी 1998-2004 तक देश के रक्षा मंत्री थे ! उनके इस कार्यकाल के दौरान 1999 में पाकिस्तान के साथ “कारगिल युद्ध” हुआ था जिसमें भारत ने पाकिस्तान को हराया था ! उनके रक्षा मंत्री रहते हुए भारत ने परमाणु परीक्षण जैसा कारनामा कर पूरे विश्व को हैरान कर दिया था ! उन्होंने “समता पार्टी” का गठन भी किया था !

भारतीय राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने वाले और कर्मठता से लोगों और देश सेवा को सतत् प्रयासरत रहने वाले समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस को 2020 में उन्हें मरणोपरांत भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान “पद्मविभूषण” से नवाजा गया !

अपनी कुशलता और भारतीय राजनीति में अपनी गहरी पैठ से जॉर्ज फर्नांडिस जी ने जनसेवा व राष्ट्रसेवा की जो रेखा खींची है वह सदियों तक भारत निर्माण में कार्यरत लोगों को प्रेरित करती रहेगी ! महान व्यक्तित्व जॉर्ज फर्नांडिस जी को कोटि-कोटि नमन करता है !

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