गांव के हिंदी मीडियम से पढ़ने के बाद भी UPSC में आई टॉप, कर दिया नामुमकिन को मुमकिन: IAS प्रतिभा वर्मा

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कहते हैं, सत्य, आस्था और लगन जीवन सिद्धि के मूल मंत्र है। यदि किसी व्यक्ति में ये तीनों प्रतिभाएं समाहित हो तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। हमारे देश में हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ महिलाएं भी अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभाती आ रही है। जिस क्षेत्र में पुरुष अपनी कामयाबी का डंका बजाते है, वहीं महिलाएं भी उनसे पीछे नहीं है। आज के बदलते परिदृश्य में महिलाएं भी हर चुनौती का सामना करते हुए अपनी कामयाबी से पूरे आवाम को प्रेरित कर रही है। एक ऐसी ही सफलता की प्रेरणादायक कहानी है ‘प्रतिभा वर्मा‘ की जो एक छोटे से गांव से निकलकर IRS से IAS बनने तक का सफर तय कर चुकी है।

IAS प्रतिभा वर्मा

प्रतिभा वर्मा (Pratibha Varma) उत्तर प्रदेश (Utterprasedh) के सुल्तानपुर (Sultanpur) जिले की रहने वाली है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि सच्ची लगन और परिश्रम से किसी भी सफलता को हासिल किया जा सकता है। प्रतिभा भले ही एक छोटे से गांव में पली बढ़ी हो, जहां उस समय सुविधा के नाम पर कुछ भी मौजूद नहीं था, लेकिन वह कभी अपने सपने को छोटा नहीं समझी। अपनी मेहनत और लगन से हर वो मुकाम हासिल किया, जिसकी उनकी चाहत थी।

प्रतिभा वर्मा की शिक्षा

प्रतिभा वर्मा (Pratibha Varma) की प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही पूरी हुई। अपने गांव सुल्तानपुर से ही वह इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से पूरी की। आगे साल 2010 में वह गांव को छोड़कर पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई। गांव के हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ाई कर दिल्ली जैसे शहर में जा कर पढ़ाई करना प्रतिभा के लिए एक बड़ा चुनौती था। गांव के स्कूल से शहर के कॉलेज की दुनिया बिल्कुल अलग थी, लेकिन प्रतिभा में एक बड़ी चाहत थी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की। जिसके लिए प्रतिभा ने जी तोड़ मेहनत किया। अपनों से दूर रहीं। यहां तक कि वह बाहरी दुनिया से भी बिल्कुल ही अलग रहीं।

प्रतिभा वर्मा 2018 में आईएएस (IAS) की परीक्षा पास की। लेकिन रैंक अच्छे नहीं होने के वजह से उन्हें आईआरएस के तहत सहायक आयुक्त इनकम टैक्स की नौकरी मिली। उससे पहले भी प्रतिभा ने वोडाफोन की कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्य किया था। IRS की नौकरी मिलने के बावजूद भी उन्होंने IAS बनने के सपने को पीछे नहीं छोड़ा। नौकरी के साथ ही वह अपनी तैयारी जारी रखी और इस बार (2019 में) देश में तीसरा स्थान प्राप्त की। देश में यह तीसरा स्थान है लेकिन महिलाओं की श्रेणी में प्रतिभा पहला स्थान प्राप्त की है।

उत्तर प्रदेश में सुलतानपुर जिले के एक छोटे से गांव से हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने के बावजूद भी प्रतिभा ने अपने सफलता का परचम पूरे देश में लहराया है, वह वाकई प्रेरणादायक है। पहले IRS फिर IAS बनकर प्रतिभा ने यह साबित किया कि कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती। 2019 में आईएएस की परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त कर प्रतिभा ने जो कृतिमान अपने नाम किया है वह आज के युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।

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