श्री राम अष्टोत्तर शतनामावली || Ram Ashtottara Shatanamavali

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श्री राम अष्टोत्तर शतनामावली में भगवान श्री राम जी के 108 नामों का वर्णन हैं ! श्री राम अष्टोत्तर शतनामावली का नियमित रूप से पाठ करने से जातक के यंहा लक्ष्मी जी का स्थिर वास होता हैं ! साधक की समस्त मनोकामना पूर्ण होती हैं

|| श्री राम अष्टोत्तर शतनामावली || Shri Ram Ashtottara Shatanamavali ||

ॐ श्रीरामाय नमः ।
ॐ रामभद्राय नमः ।
ॐ रामचंद्राय नमः ।
ॐ शाश्वताय नमः ।
ॐ राजीवलॊचनाय नमः ।

ॐ श्रीमतॆ नमः ।
ॐ राजॆंद्राय नमः ।
ॐ रघुपुंगवाय नमः ।
ॐ जानकीवल्लभाय नमः ।
ॐ चैत्राय नमः ॥ १० ॥

ॐ जितमित्राय नमः ।
ॐ जनार्दनाय नमः ।
ॐ विश्वामित्र प्रियाय नमः ।
ॐ दांताय नमः ।
ॐ शरण्यत्राणतत्पराय नमः ।

ॐ वालिप्रमथनाय नमः ।
ॐ वाग्मिनॆ नमः ।
ॐ सत्यवाचॆ नमः ।
ॐ सत्यविक्रमाय नमः ।
ॐ सत्यव्रताय नमः ॥ २० ॥

ॐ व्रतधराय नमः ।
ॐ सदाहनुमदाश्रिताय नमः ।
ॐ कौसलॆयाय नमः ।
ॐ खरध्वंसिनॆ नमः ।
ॐ विराधवधपंडिताय नमः ।
ॐ विभीषणपरित्राणाय नमः ।

ॐ हरकॊदंडखंडनाय नमः ।
ॐ सप्तताळप्रभॆत्त्रॆ नमः ।
ॐ दशग्रीवशिरॊहराय नमः ।
ॐ जामदग्न्यमहादर्प दळनाय नमः ॥ ३० ॥

ॐ ताटकांतकाय नमः ।
ॐ वॆदांतसाराय नमः ।
ॐ वॆदात्मनॆ नमः ।
ॐ भवरॊगैकस्यभॆषजाय नमः ।
ॐ दूषणत्रिशिरॊहंत्रॆ नमः ।

ॐ त्रिमूर्तयॆ नमः ।
ॐ त्रिगुणात्मकाय नमः ।
ॐ त्रिविक्रमाय नमः ।
ॐ त्रिलॊकात्मनॆ नमः ।
ॐ पुण्यचारित्रकीर्तनाय नमः ॥ ४० ॥

ॐ त्रिलॊकरक्षकाय नमः ।
ॐ धन्विनॆ नमः ।
ॐ दंडकारण्यकर्तनाय नमः ।
ॐ अहल्याशापशमनाय नमः ।
ॐ पितृभक्ताय नमः ।

ॐ वरप्रदाय नमः ।
ॐ जितॆंद्रियाय नमः ।
ॐ जितक्रॊधाय नमः ।
ॐ जितमित्राय नमः ।
ॐ जगद्गुरवॆ नमः ॥ ५० ॥

ॐ यक्षवानरसंघातिनॆ नमः ।
ॐ चित्रकूटसमाश्रयाय नमः ।

ॐ जयंतत्राणवरदाय नमः ।
ॐ सुमित्रापुत्रसॆविताय नमः ।
ॐ सर्वदॆवाधिदॆवाय नमः ।
ॐ मृतवानरजीवनाय नमः ।

ॐ मायामारीचहंत्रॆ नमः ।
ॐ महादॆवाय नमः ।
ॐ महाभुजाय नमः ।
ॐ सर्वदॆवस्तुताय नमः ॥ ६० ॥

ॐ स्ॐयाय नमः ।
ॐ ब्रह्मण्याय नमः ।
ॐ मुनिसंस्तुताय नमः ।
ॐ महायॊगिनॆ नमः ।
ॐ महॊदराय नमः ।
ॐ सुग्रीवॆप्सितराज्यदाय नमः ।

ॐ सर्वपुण्याधिकफलाय नमः ।
ॐ स्मृतसर्वाघनाशनाय नमः ।
ॐ आदिपुरुषाय नमः ।
ॐ परम पुरुषाय नमः ॥ ७० ॥

ॐ महापुरुषाय नमः ।
ॐ पुण्यॊदयाय नमः ।
ॐ दयासाराय नमः ।
ॐ पुराणपुरुषॊत्तमाय नमः ।

ॐ स्मितवक्त्राय नमः ।
ॐ मितभाषिणॆ नमः ।
ॐ पूर्वभाषिणॆ नमः ।
ॐ राघवाय नमः ।

ॐ अनंतगुणगंभीराय नमः ।
ॐ धीरॊदात्तगुणॊत्तराय नमः ॥ ८० ॥

ॐ मायामानुषचारित्राय नमः ।
ॐ महादॆवादिपूजिताय नमः ।
ॐ सॆतुकृतॆ नमः ।
ॐ जितवाराशयॆ नमः ।
ॐ सर्वतीर्थमयाय नमः ।

ॐ हरयॆ नमः ।
ॐ श्यामांगाय नमः ।
ॐ सुंदराय नमः ।
ॐ शूराय नमः ।
ॐ पीतवासाय नमः ॥ ९० ॥

ॐ धनुर्धराय नमः ।
ॐ सर्वयज्ञाधिपाय नमः ।
ॐ यज्ञाय नमः ।
ॐ जरामरणवर्जिताय नमः ।
ॐ विभीषण प्रतिष्ठात्रॆ नमः ।

ॐ सर्वापगुणवर्जिताय नमः ।
ॐ परमात्मनॆ नमः ।
ॐ परस्मैब्रह्मणॆ नमः ।
ॐ सच्चिदानंदविग्रहाय नमः ।
ॐ परस्मैज्यॊतिषॆ नमः ॥ १०० ॥

ॐ परस्मैधाम्नॆ नमः ।
ॐ पराकाशाय नमः ।
ॐ परात्परस्मै नमः ।
ॐ परॆशाय नमः ।
ॐ पारगाय नमः ।

ॐ पाराय नमः ।
ॐ सर्वदॆवात्मकाय नमः ।
ॐ परस्मै नमः ॥ १०८ ॥

॥ इती श्री रामाष्टॊत्तर शतनामावलिः संपूर्णम्‌ ॥

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