सेना में पति की शहादत के बाद खुद सेना में भर्ती हो गई , अब करेंगी देश की सेवा : प्रेरणा

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माँ भारती की रक्षा में पल-पल खड़े रहने वाले जाबाँज सैनिक देशभक्ति की पराकाष्ठा हैं ! अपना सर्वस्व तक न्योछावर कर देने वाले सेना के जवानों का हौसला प्रेरक है ! वक्त-बे-वक्त उन्हें आतंकवादियों और देश के दुश्मनों से लड़ते हुए उन्हें अपनी जान भी गँवानी पड़ती है ! 2017 में बॉर्डर पर एक उग्रवादी हमले में मेजर प्रसाद गणेश जी शहीद हो गए थे उसके बाद उनकी पत्नी गौरी प्रसाद महादिक ने किस तरह खुद को सँभाला और सेना में जाने का फैसला लिया उसकी कहानी केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने साझा किया है !

पति के शहादत के बाद सेना में जाने का लिया फैसला

गौरी प्रसाद महादिक अपने पति मेजर गणेश प्रसाद के शहादत के समय एक कम्पनी सेक्रेटरी की नौकरी कर रही थीं ! अपने पति की शहादत से उन्हें दुख होना लाजिमी है लेकिव वह बिल्कुल भी नहीं टूटी और अपना हौसला बनाए रखा ! इसके बाद गौरी ने सेना में जाने का निर्णय लिया और अपनी नौकरी छोड़ दी ! उन्होंने पढाई शुरू कर दी और सर्विस सेलेक्शन बोर्ड की तैयारी शुरू कर दी ! परीक्षा पास करने की उनकी पहली कोशिश विफल रही लेकिन यहाँ भी गौरी ने हौसला टूटने नहीं दिया और प्रयास जारी रखा ! दूसरी बार परीक्षा दी जिसमें वह टॉप कर गईं ! ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकोडमी से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 2020 में गौरी प्रसाद ने लेफ्टिनेंट के पद पर सेना से जुड़ीं !

पति का यूनिफॉर्म और स्टार्स पहनना लक्ष्य

गौरी प्रसाद ने अपने SSB के परीक्षा के दौरान कहा कि “पति की शहादत के 10 दिनों के बाद मैं सोंच रही थी कि अब क्या करूँ फिर मैं अपने पति के सम्मान में सेना ज्वाइन करने का फैसला किया ! मैनें यह तय कर लिया था कि पति की हीं यूनिफॉर्म और स्टार्स पहनूँगी ! अब यह हमदोनों का यूनिफार्म होगा ! अब चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में ट्रेनिंग के बाद मैं अगले साल आर्मी में बतौर लेफ्टिनेंट ज्वाइन करूँगी ! इसी जगह पर मेरे पति ने भी ट्रेनिंग ली थी और अब मैं उन्हीं की तरह से कड़ी ट्रेनिंग से गुजरने के लिए तैयार हूँ” !

गौरी प्रसाद भारतीय नारीशक्ति का द्योतक

केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने गैरी प्रसाद की कहानी साझा करते हुए उन्हें नमन किया है ! वह लिखती हैं “जहाँ ज्यादातर लोग टूट जाते हैं इन्होंने सर्वाइव किया ! मुझे बेहद गर्व होता है कि वह भारतीय नारी की ताकत को बतलाने हमारे बीच में हैं ! अगर आप कभी इन्हें देखें तो इन्हें और इनकी जैसी अन्य महिलाओं को कहें कि हम आपकी सेवा और बलिदान के आभारी हैं !

गौरी प्रसाद महादिक ने जिस तरह अपनी शहादत का दंश झेला और खुद उन्हीं की तरह एक जाबाँज सैनिक बन देश की सेवा कर रही हैं वह प्रेरणा की पराकाष्ठा है ! देशप्रेम को रग-रग जीने वाली गौरी प्रसाद महादिक को नमन करता है

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