आया समय जवान जागो भारत भूमि पुकारती।
उठो शत्रु की सेना देखो सीमा पर ललकारती। २
बैरी भारत की धरती पर करता कितनी मनमानी।
आज दिखा दो उन दुष्टों को कितना है हममें पानी।
कैसे चुप बैठे हो भाई जननी बाट निहारती। ।
उठो शत्रु की सेना देखो सीमा पर ललकारती।
मत भूलो राणा प्रताप को और न झाँसी की रानी।
मत भूलो शमशेर शिवा की तांत्या टोपे सेनानी।
बतला दो कैसे भारत की सेना है हुंकारती। ।
उठो शत्रु की सेना देखो सीमा पर ललकारती।
शपत तुम्हे है मातृ भूमि की अरिदल को जो संघारो।
निश्चित विजय तुम्हारी होगी , हिम्मत को तुम मत हारो।
वह तलवार उठाओ वीरों रिपु का शीश उतारती। ।
उठो शत्रु की सेना देखो सीमा पर ललकारती।
भगत सिंह सुखदेव राजगुरु शेखर भी बलिदानी हुए।
मातृ भूमि के खातिर ये सब अमर शहीद महान हुए।
भारत के जीवन की ताकत दुश्मन का मद झारती। ।
उठो शत्रु की सेना देखो सीमा पर ललकारती।
आओ मिलकर सब करें प्रतिज्ञा माँ का कष्ट मिटायेंगे।
जैसे भी होगा रिपुदल को हम सब मार भगाएंगे।
समय आ गया अब बढ़ने का , बोलो जय जय भारती। ।
उठो शत्रु की सेना देखो सीमा पर ललकारती।
आया समय जवान जागो भारत भूमि पुकारती।
उठो शत्रु की सेना देखो सीमा पर ललकारती।