Anekata Me Ekata – अनेकता में एकता
अनेकता में एकता हिन्दु की विशेषता॥
एक राग के हैं गीत मीत एक राह के।
एक बाग के हैं फूल फूल एक हार के।
देखती हैं यह जमीन आसमान देखता आसमान देखता॥१॥
एक देश के हैं अंग रंग भिन्न-भिन्न हैं।
एक जननी भारती के कोटि सुत अभिन्न है।
कोटि जीव बालकों में ब्रह्म एक खेलता ब्रह्म एक खेलता॥२॥
कर्म हैं बंटे हुए पर एक मूल मर्म है।
राष्ट्र भक्ति ही हमारा एक मात्र धर्म है।
कण्ठ -कण्ठ देश का एक स्वर बिखेरता एक स्वर बिखेरता॥३॥
एक लक्ष्य एक प्राण प्रण से हम जुटे हुए।
एक भारती की अर्चना में हम लगे हुए।
कोटि-कोटि साधनों का एक राष्ट्र देवता एक राष्ट्र देवता॥४॥
anekatā meṁ ekatā hindu kī viśeṣatā ||
eka rāga ke haiṁ gīta mīta eka rāha ke |
eka bāga ke haiṁ phūla phūla eka hāra ke |
dekhatī haiṁ yaha jamīna āsamāna dekhatā āsamāna dekhatā ||1||
eka deśa ke haiṁ aṁga raṁga bhinna-bhinna haiṁ |
eka jananī bhāratī ke koṭi suta abhinna hai |
koṭi jīva bālakoṁ meṁ brahma eka khelatā brahma eka khelatā ||2||
karma haiṁ baṁṭe huea para eka mūla marma hai |
rāṣṭra bhakti hī hamārā eka mātra dharma hai |
kaṇṭha -kaṇṭha deśa kā eka svara bikheratā eka svara bikheratā ||3||
eka lakṣya eka prāṇa praṇa se hama juṭe hue |
eka bhāratī kī arcanā meṁ hama lage hue |
koṭi-koṭi sādhanoṁ kā eka rāṣṭra devatā eka rāṣṭra devatā ||4||