Apani Dharti Apana Amber | अपनी धरती, अपना अम्बर
अपनी धरती, अपना अम्बर, अपना हिन्दुस्थान ।
हिम्मत अपनी, ताकत अपनी, अपना वीर जवान ॥धृ॥
हिमगिरि शीश मुकुट रत्नारे, सागर जिसकॆ चरण पखारे
गंगा-यमुना की धाराएँ निर्माणों की नीर सँवारे
नई-नई आशाएँ अपनी, अपना हर उत्थान ॥१॥
विमल इंदु की विमल चाँदनी, चंदा सूरज करे आरती
मलयानिल के मस्त झकोरे, चँवर डुलाए तुझे भारती
कण-कण गाए गौरव गाथा, अपना देश महान ॥२॥
नेफा और लद्दाख वतन के दोनों अपने आँगन द्वारे
प्राणों को न्योछावर करते भारत माँ के वीर दुलारे
निशिदिन याद हमें आते हैं वीरों के बलिदान ॥३॥