Bhartiya Darshan-Shastra By Dharmandranath Shastri In Hindi PDF Free Download || भारतीय दर्शन-शास्त्र धर्मेंद्रनाथ शास्त्री द्वारा हिंदी में पीडीएफ मुफ्त डाउनलोड
किसी विशिष्ट विषय या पदार्थसमूह से सम्बन्धित वह समस्त ज्ञान जो ठीक क्रम से संग्रह करके रखा गया हो, शास्त्र कहलाता है। जैसे, भौतिकशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, प्राणिशास्त्र, अर्थशास्त्र, विद्युत्शास्त्र, वनस्पतिशास्त्र आदि। शास्त्र का अर्थ विज्ञान है ‘शास्त्र’ शब्द ‘शासु अनुशिष्टौ’ से निष्पन्न है जिसका अर्थ ‘अनुशासन या उपदेश करना’ है।
किसी भी विषय, विद्या अथवा कला के मौलिक सिद्धान्तों से लेकर विषय-वस्तु के सभी आयामों का सुनियोजित, सूत्रबद्ध निरूपण शास्त्र है। हमारे यहाँ शास्त्र की परिभाषा इस प्रकार की गई है-
शास्ति च त्रायते च। शिष्यते अनेन।
अर्थात् जो शिक्षा अनुशासन प्रदान कर हमारी रक्षा करती है, मार्गदर्शन करती है, कभी-कभी हमारी उँगली पकड़कर हमें चलाती है, उसे ‘शास्त्र’ कहा गया है। इस प्रकार यदि हम शास्त्र व ग्रन्थ की तरफ देखें तो शास्त्र बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। शास्त्र असंख्य है विद्वान शास्त्रों की रचना करते रहते है ………..
All that knowledge related to a particular subject or group of substances, which has been kept in a proper sequence, is called Shastra. For example, physics, architecture, craftsmanship, zoology, economics, electricity, botany, etc. The meaning of Shastra is science. The word ‘Shastra’ is derived from the word ‘shasu anushishtau’ which means ‘to discipline or to preach’.
From the fundamental principles of any subject, science, or art to the well-planned, formulaic representation of all the dimensions of the subject matter. Here the definition of scripture has been given to us as follows-