Biography of Rajendra Prasad PDF Free Download || राजेंद्र प्रसाद की आत्मकथा
बरमा से गांधीजी के लौटने पर, कलकत्ते में, जब सब बातें उनके सामने पेश की गई तब उन्होंने सब कुछ स्वयं देखने का वचन दिया।
बात बहुत दिनों तक चलती रही हिंसा की जांच के लिए महात्मा जी ने श्री नारायणदास गांधी को तैनात किया।
अन्त में, जो हिसाब चरखा-संघ की ओर से पेश किया गया था उसे ही श्री नारायण दास ने ठीक समझा। गांधीजी ने रामविनोद बाबू से कहा कि इसमें यदि भूल है तो हमको समझा।
इसके लिए दिन भी नियत किया गया। पर बात आगे बढ़ी नहीं, वहीं की कहीं रह गयी । हों, गांधीजी ने समझ लिया कि हमने जो बात कही थी वही ठीक है ।……..