Brahmacharya Hi Jeevan Hai By Swami Sivananda In Hindi PDF Free Download || ब्रह्मचर्य ही जीवन है स्वामी शिवानंद द्वारा हिंदी में पीडीएफ मुफ्त डाउनलोड

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ब्रह्मचर्य योग के आधारभूत स्तंभों में से एक है। ब्रह्मचर्य का अर्थ है सात्विक जीवन बिताना, शुभ विचारों से अपने वीर्य का रक्षण करना, भगवान का ध्यान करना और विद्या ग्रहण करना। यह वैदिक धर्म वर्णाश्रम का पहला आश्रम भी है, जिसके अनुसार यह ०-२५ वर्ष तक की आयु का होता है और जिस आश्रम का पालन करते हुए विद्यार्थियों को भावी जीवन के लिये शिक्षा ग्रहण करनी होती है। ब्रह्मचर्य से असाधारण ज्ञान पाया जा सकता है वैदिक काल और वर्तमान समय के सभी ऋषियों ने इसका अनुसरण करने को कहा है क्यों महत्वपूर्ण है ब्रह्मचर्य- हमारी जिंदगी मे जितना जरुरी वायु ग्रहण करना है उतना ही जरुरी ब्रह्मचर्य है। आज से पहले हजारों वर्ष से हमारे ऋषि मुनि ब्रह्मचर्य का तप करते आय है क्योंकि इसका पालन करने से हम इस संसार के सर्वसुख की प्राप्ति कर सकते है|

Brahmacharya is one of the fundamental pillars of yoga. Brahmacharya means leading a sattvik life, protecting one’s semen from auspicious thoughts, meditating on the Lord, and acquiring knowledge. It is also the first ashram of the Vedic religion Varnashrama, according to which it is of 0-25 years of age and following which the students have to take education for future life. Extraordinary knowledge can be obtained from celibacy. All the sages of the Vedic period and present times have asked to follow it. Why is it important to celibacy – the more necessary air is to be taken in our lives, the more important is celibacy. For thousands of years before today, our sages have been doing penance for celibacy because by following it, we can attain all the happiness of this world.

 

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