दैनिक आह्वान (Daily Invocations) Swami Shivanand In Hindi Book/Pustak PDF Free Download

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रुद्र-अध्याय, जिसे सतरुद्रिया के रूप में भी जाना जाता है, जो यजुर्वेद में आता है, एक आत्मा-उत्तेजक स्तोत्र है जो सर्वव्यापी सर्वशक्तिमान को रुद्र-शिव के रूप में नामित किया गया है। वह सृजित सभी वस्तुओं के पालन-पोषण के रूप में शुभ, सौम्य रूपों में मौजूद है, और भयानक रूपों के रूप में भी जो वह समय के अंत में ब्रह्मांड के विनाश और विनाश के समय ग्रहण करता है। सर्वोच्च वास्तविकता के इन दो प्रमुख पहलुओं के अलावा, बनाए रखने और नष्ट करने, रचनात्मक और विनाशकारी-हम सकारात्मक और नकारात्मक कह सकते हैं- भगवान की परिकल्पना के पीछे एक अबूझ, समझने योग्य रहस्य है- हमारे व्यावहारिक जीवन में होने के नाते…………

The Rudra-Adhyaya, known also as the Satarudriya, occurring in the Yajur Veda, is a soul-stirring hymn offered to the all-pervading Almighty, designated as Rudra-Siva. He is present in auspicious, benign forms by way of sustenance of all things created, and also as terrible forms which He assumes at the time of the dissolution and destruction of the cosmos at the end of time. Apart from these two major aspects of the Supreme Reality, viz., the sustaining and the destroying, the constructive and the destructive—we may say the positive and the negative— there is an inscrutable, un-understandable mystery behind the envisagement of God-Being in our practical lives…………..

 

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