मैं तुम को पहिचान न पाया लिखित भजन Main Tumko Pehchan Na Paya Lyrics
मैं तुम को पहिचान न पाया । वन उपवन में नगर नगर में, माया फिरा भटकता गिरि - गह्वर में...
मैं तुम को पहिचान न पाया । वन उपवन में नगर नगर में, माया फिरा भटकता गिरि - गह्वर में...
ध्यान और उसके लक्षण- मनुष्य एक बीज के समान हैं, ध्यान से यह बीज एक चैतन्य रूपी वट वृक्ष बन...
भारत में प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों का विशेष महत्व रहा है. आज से सैकड़ों साल पहले ‘ऋषि’, ‘मुनि’, ‘महर्षि’...
विष्णु पुराण के अनुसार जो संसार में सर्वोच्च ईश्वर (निराकार परब्रह्म) हैं, श्री विष्णु उनका निकटतम मूर्त स्वरुप हैं. श्री...
जमदग्नि पुत्र भगवान् श्री परशुराम के इस पवित्र स्तोत्र को जो एकाग्रचित होकर पाठ करते हैं उनके सभी शत्रुओं का...