सच्चिदानंदरूपाय – एकात्मता स्तोत्र, मंत्र अर्थ / Ekatmata Stotra Mantra With Meaning In Hindi

1

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एकात्मता स्तोत्र

ॐ सच्चिदानंदरूपाय नमोस्तु परमात्मने।
ज्योतिर्मयस्वरूपाय विश्वमांगल्यमूर्तये ।। 1 ।।

अर्थ: ओम. मैं परम भगवान को नमन करता हूं जो सत्य, ज्ञान और खुशी के अवतार हैं, जो प्रबुद्ध हैं, और जो सार्वभौमिक अच्छे के अवतार हैं.

प्रकृतिः पंचभूतानि ग्रहा लोकाः स्वरास्तथा ।
दिशः कालश्च सर्वेषां सदा कुर्वन्तु मंगलम् ।। 2 ।।

अर्थ: प्रकृति तीन गुणों से बनी है, सत्व, रजस और तमस. यह पांच तत्वों अर्थात् अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और अंतरिक्ष का एक संयोजन भी है. संगीत के सात स्वर, दस दिशाएँ और समय भूत, वर्तमान और भविष्य में विभाजित, ये सभी हमें आशीर्वाद दे सकते हैं.

रत्नाकराधौतपदां हिमालयकिरीटिनीम् ।
ब्रह्मराजर्षिरत्नाढ्यां वन्दे भारतमातरम् ।। 3 ।।

अर्थ: मैं मातृभूमि भारत को नमन करता हूं, जिनके चरण समुद्र की लहरों से धोए जा रहे हैं, जिनका मुकुट हिमाच्छादित हिमालय है, जिनके यशस्वी पुत्रों ने स्वयं को ब्रह्मर्षि और राजर्षि के रूप में प्रतिष्ठित किया है.

महेन्द्रो मलयः सह्यो देवतात्मा हिमालयः ।
ध्येयो रैवतको विन्ध्यो गिरिश्चारावलिस्तथा।। 4 ।।

अर्थ: हमारे देश के इन पहाड़ों को हमेशा याद रखना चाहिए- महेंद्र, मलाया गिरि, सह्याद्रि, हिमालय, देवताओं का निवास, रैवतक, विंध्याचल और अरावली.

गंगा सरस्वती सिन्धुः ब्रह्मपुत्रश्च गण्डकी।
कावेरी यमुना रेवा कृष्णा गोदा महानदी ।। 5 ।।

अर्थ: हमारी मातृभूमि की ये महत्वपूर्ण नदियाँ गंगा, सरस्वती, सिंधु, ब्रह्मपुत्र, गंडकी, कावेरी, यमुना, रेवा (नर्मदा), कृष्णा, गोदावरी और महानदी हैं.

अयोध्या मथुरा माया काशीकांची अवन्तिका।
वैशाली द्वारिका ध्येया पुरी तक्षशिला गया।। 6 ।।

अर्थ: हमारी मातृभूमि के महत्वपूर्ण पवित्र स्थान हैं अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांची, अवंतिका, वैशाली, द्वारिका, पुरी, तक्षशिला और गया.

प्रयागः पाटलीपुत्रं विजयानगरं महत् ।
इन्द्रप्रस्थं सोमनाथः तथौमृतसरः प्रियम् ।। 7 ।।

अर्थ: प्रयाग, पाटलिपुत्र, विजयनगर, इंद्रप्रस्थ, सोमनाथ और अमृतसर जैसे शहर हमें प्रिय हैं.

चतुर्वेदाः पुराणानि सर्वोपनिषदस्तथा।
रामायणं भारतं च गीता सद्दर्शनानि च।। 8 ।।

अर्थ: यह भूमि चार वेद, अठारह पुराण, सभी उपनिषद, रामायण, महाभारत, गीता, छह दर्शन (सच्चे दर्शन) जैसे महान कार्यों की उत्पत्ति का स्थान है.

जैनागमास्त्रिपिटकाः गुरुग्रन्थः सतां गिरः ।
एषः ज्ञाननिधिः श्रेष्ठ: श्रद्धेयो हृदि सर्वदा।। 9 ।।

अर्थ: जैन धर्म की आगम पुस्तकें, बौद्ध धर्म की त्रिपिटक और गुरु ग्रंथ साहिब के सत्य श्लोक भी यहां लिखे गए थे, जो हमारे दिल के केंद्र के पास हैं और हम इन ग्रंथों की प्रशंसा करते हैं.

अरुन्धत्यनसूया च सावित्री जानकी सती। द्य
द्रौपदी कण्णगी गार्गी मीरा दुर्गावती तथा।। 10 ।।

अर्थ: अरुंधति, अनसूया, सावित्री, जानकी, सती, द्रौपदी, कन्नगी, गार्गी, मीरा और दुर्गावती.

लक्ष्मीरहल्या चन्नम्मा रुद्रमाम्बा सुविक्रमा ।
निवेदिता सारदा च प्रणम्या मातृदेवताः।। 11 ।।

अर्थ: लक्ष्मीबाई, अहल्या बाई होल्कर, चेन्नम्मा, रुद्रमाम्बा, भगिनी निवेदिता और माँ शारदा. इन महान महिलाओं को देवी के रूप में पूजा जाना चाहिए.

श्रीरामो भरतः कृष्णो भीष्मो धर्मस्तथार्जुनः ।
मार्कंडेयो हरिश्चन्द्रः प्रह्लादो नारदो ध्रुवः ।। 12 ।।

अर्थ: ये हमारे देश के महापुरुष हैं जिनकी महिमा पुराणों में गाई गई है – भगवान राम, राजा भरत, भगवान कृष्ण, भीष्म पितामह, धर्मराज युधिष्ठिर, अर्जुन, ऋषि मार्कंडेय, राजा हरिश्चंद्र, प्रह्लाद, नारद और ध्रुव.

हनुमान् जनको व्यासो वसिष्ठश्च शुको बलिः।
दधीचिविश्वकर्माणौ पृथुवाल्मीकिभार्गवाः।। 13 ।।

अर्थ: हनुमान, राजा जनक, व्यास, वशिष्ठ, शुखदेव मुनि, राजा बलि, दधीचि, विश्वकर्मा, राजा पृथु, ऋषि वाल्मीकि और परशुराम.

भगीरथश्चैकलव्यो मनुर्धन्वन्तरिस्तथा।
शिबिश्च रन्तिदेवश्च पुराणोद्गीतकीर्तयः ।। 14 ।।

अर्थ: राजा भगीरथ, एकलव्य, मनु, धन्वंतरि और राजा रंतिदेव. पुराण इन महान व्यक्तित्वों की महिमा का जाप करते हैं.

बुद्धा जिनेन्द्रा गोरक्षः पाणिनिश्च पतंजलिः ।
शंकरो मध्वनिंबार्को श्रीरामानुजवल्लभौ।। 15 ।।

अर्थ: भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, योगी गोरखनाथ, पाणिनी, पतंजलि, आदि शंकराचार्य और माधवाचार्य और निम्बार्कचारी जैसे संतों: अपने चुने हुए क्षेत्र में प्रतिष्ठित इन महान आत्माओं को उदारतापूर्वक उनके दिव्य गुणों के साथ आशीर्वाद दें.

झूलेलालौथ चैतन्यः तिरुवल्लुवरस्तथा ।
नायन्मारालवाराश्च कंबश्च बसवेश्वरः ।। 16 ।।

अर्थ: झूलेलाल, महाप्रभु चैतन्य, तिरुवल्लुवर, नयनमार, अलवर, कंबन और बसवेश्वर.

देवलो रविदासश्च कबीरो गुरुनानकः।
नरसिस्तुलसीदासो दशमेशो दृढव्रतः ।। 17 ।।

अर्थ: महर्षि देवला, संत रविदास, कबीर, गुरु नानक, भक्त नरशी मेहता, तुलसीदास और गुरु गोबिंद सिंह.

श्रीमत् शंकरदेवश्च बंधू सायणमाधवौ।
ज्ञानेश्वरस्तुकारामो रामदासः पुरन्दरः ।। 18 ।।

अर्थ: शंकरदेव, भाई सायणाचार्य और माधवाचार्य, संत ज्ञानेश्वर, तुकाराम, समर्थ गुरु रामदास और पुरंदरदास.

बिरसा सहजानन्दो रामानन्दस्तथा महान् ।
वितरन्तु सदैवैते दैवीं सद्गुणसंपदम् ।। 19 ।।

अर्थ: बिहार के बिरसा मुंडा, स्वामी सहजानंद और स्वामी रामानंद. सद्गुणों से युक्त ये महान रईस हमारी मातृभूमि में निवास कर रहे थे.

भरतर्षिः कालिदासः श्रीभोजो जकणस्तथा।
सूरदासस्त्यागराजो रसखानश्च सत्कविः।। 20 ।।

अर्थ: हमारे देश में ऋषि भरत, कवि कालिदास, जकाना, श्री भोज, सूरदास, भक्त त्यागराज और रसखान जैसे महान कवियों और लेखकों का जन्म हुआ.

रविवर्मा भातखंडे भाग्यचन्द्रः स भूपतिः ।
कलावंतश्च विख्याताः स्मरणीया निरंतरम् ।। 21 ।।

अर्थ: महान चित्रकार रवि वर्मा भी यहीं रहते थे. हमारे देश के महान योद्धा और विजेता, जो चंद्रमा (भाग्य चंद्र) और संयुक्त अखंड भारत की तरह चमकते थे, उन्हें निरंतर याद किया जाना चाहिए. आइए इन महान सम्राटों को याद करें.

अगस्त्यः कंबुकौन्डिन्यौ राजेन्द्रश्चोलवंशजः ।
अशोकः पुश्यमित्रश्च खारवेलः सुनीतिमान् ।। 22 ।।

अर्थ: अगस्त्य, कंबु, कौंडिन्य, चोल वंश के राजा राजेंद्र, अशोक महान, पुष्यमित्र और खारवेल.

चाणक्यचन्द्रगुप्तौ च विक्रमः शालिवाहनः ।
समुद्रगुप्तः श्रीहर्षः शैलेंद्रो बप्परावलः ।। 23 ।।

अर्थ: चाणक्य, चंद्रगुप्त, विक्रमादित्य, शालिवाहन, समुद्रगुप्त, हर्षवर्धन, राजा शैलेंद्र और बप्पा रावल.

लाचिद्भास्करवर्मा च यशोधर्मा च हूणजित् ।
श्रीकृष्णदेवरायश्च ललितादित्य उद्बलः ।। 24 ।।

अर्थ: लचित बरफुकन, भास्करवर्मा, यशोधर्म जिन्होंने हूणों, श्री कृष्णदेवराय और ललितादित्य को हराया.

मुसुनूरिनायकौ तौ प्रतापः शिवभूपतिः।
रणजित सिंह इत्येते वीरा विख्यातविक्रमाः ।। 25 ।।

अर्थ: मुसुनूरी नायक (प्रोलय नायक, कप्पा नायक), महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी और महाराजा रणजीत सिंह जैसे महान योद्धाओं को जाना जाता था.

वैज्ञानिकाश्च कपिलः कणादः सुश्रुतस्तथा।
चरको भास्कराचार्यो वराहमिहिरः सुधीः ।। 26 ।।

अर्थ: ये हैं महान भारतीय वैज्ञानिक जिन्हें हमें नहीं भूलना चाहिए- कपिला, कणाद ऋषि, सुश्रुत, चरक, भास्कराचार्य और वराहमिहिर.

नागार्जुनो भरद्वाजः आर्यभट्टो वसुर्बुधः ।
ध्येयो वेंकटरामश्च विज्ञा रामानुजादयः ।। 27 ।।

अर्थ: नागार्जुन, भारद्वाज, आर्य भाटा, जगदीश चंद्र बसु, सी.वी. रमन और रामानुजन. हमें इन वैज्ञानिकों को याद रखना चाहिए.

रामकृष्णो दयानंदो रवींद्रो राममोहनः ।
रामतीर्थोऽरविंदश्च विवेकानंद उद्यशाः ।। 28 ।।

अर्थ: श्री राम कृष्ण परमहंस, स्वामी दयानंद, रवींद्र नाथ टैगोर, राजा राम मोहन राय, स्वामी रामतीर्थ, महर्षि अरबिंदो और स्वामी विवेकानंद.

दादाभाई गोपबंधुः तिलको गान्धिराद्दताः ।
रमणो मालवीयश्च श्रीसुब्रह्मण्यभारती ।। 29 ।।

अर्थ: दादा भाई नौरोजी, गोपा बंधु दास, बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी, महर्षि रमण, महामना मदन मोहन मालवीय, तमिल कवि सुब्रह्मण्य भारती.

सुभाषः प्रणवानंदः क्रांतिवीरो विनायकः ।
ठक्करो भीमरावश्च फुले नारायणो गुरुः ।। 30 ।।

अर्थ: नेताजी सुभाष चंद्र बोस, स्वामी प्रणवानंद, महान क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर, ठक्कर बप्पा, भीमराव अंबेडकर, महात्मा ज्योति राव फुले, नारायण गुरु.

संघ शक्ति प्रणेतारौ केशवो माधवस्तथा: ।
स्मरणीयः सदावेते नव चैतन्य दयाकाह।। 31 ।।

अर्थ: और आरएसएस के संस्थापक डॉ हेडगेवार और उनके उत्तराधिकारी श्री गुरुजी गोलवलकर.

अनुक्ता ये भक्तः प्रभु चरण संसक्त हृदय: अविग्नता वीरा अधिसमरमुधवस्ता रिपवाह |
समजोधार्थराही: सुहितकार विज्ञान निपुण: नमस्ते भ्यो भूयाति सकल सुजनेभ्यः प्रतिदिनम ।। 32 ।।

अर्थ: भारत माता के और भी कई भक्त हैं, जिनका नाम यहां के सीमित स्थान में याद नहीं किया जा सका. उनके हृदय निरंतर ईश्वर के संपर्क में हैं. भारत माता के शत्रुओं को धूल चटाने वाले अनेक योद्धा हैं, लेकिन दुर्भाग्य से आज हम उनके नाम नहीं जानते. फिर भी महान समाज सुधारकों और निपुण वैज्ञानिकों के कुछ महत्वपूर्ण नामों को निरीक्षण के माध्यम से छोड़ दिया गया होगा. हमारी गहरी श्रद्धा और सम्मान प्रतिदिन उन तक पहुँचे.

इदामेकात्माता स्तोत्रम श्रद्धा या सदा पाटेट |
सा राष्ट्र धर्म निष्ठावान अखंडम भारतम स्मार्ट ।। 33 ।।

।। विश्व धर्म की जय ।।

अर्थ: यह एकता भजन है. जो श्रद्धा और भक्ति के साथ इसका प्रतिदिन पाठ करेगा वह राष्ट्रवाद के धर्म में दृढ़ता से स्थापित हो जाएगा. और उनमें अखण्ड भारत की स्मृति कभी फीकी न पड़े.

सार्वभौम सत्य की विजय.

Ekaatmataa Stotram

AUM namaH sachchidaana.ndaruupaaya paramaatmane
jyotirmayasvaruupaaya vishvamaa.ngalyamuurtaye 1

prakR^itiH pa.nchabhuutaani grahalokasvaraastathaa
dishaH kaalashcha sarveshhaa.n sadaa kurva.ntu ma.ngalam.h 2

ratnaakaraadhautapadaa.n himaalayakiriiTiniim.h
brahmaraajarshhiratnaaDhyaam vande bhaaratamaataram.h 3

mahe.ndro malayaH sahyo devataatmaa himaalayaH
dhyeyo raivatako vindhyo girishchaaraavalistathaa 4

ga.ngaa sarasvatii si.ndhu brahmaputraashcha ga.ndakii
kaaverii yamunaa revaa kR^ishhNaa godaa mahaanadii 5

ayodhyaa mathuraa maayaa kaashii kaa.nchii ava.ntikaa
vaishaalii dwaarakaa dhyeyaa purii takshashilaa gayaa 6

prayaagaH paaTaliiputra.n vijayaanagaraM mahat.h
i.ndraprastha.n somanaathastathaamR^itasaraH priyam.h 7

chaturvedaaH puraaNaani sarvopaniShadastathaa
raamaayaNaM bhaarata.n cha giitaa ShaDdarshanaani cha 8

jainaagamaastripiTakaH gurugranthaH sataa.n giraH
eshha GYaananidhiH shreShThaH shraddheyo hR^idi sarvadaa 9

arundhatyanasuuya cha saavitrii jaanakii satii
draupadii kannagee gaargii miiraa durgaavatii tathaa 10

laxmii ahalyaa channammaa rudramaambaa suvikramaa
niveditaa saaradaa cha praNamya maatR^i devataaH 11

shrii raamo bharataH kR^ishhNo bhiishhmo dharmastathaarjunaH
maarka.nDeyo harishchandra prahlaado naarado dhruvaH 12

hanumaan.h janako vyaaso vasishhThashcha shuko baliH
dadhiichi vishvakarmaaNau pR^ithu vaalmiiki bhaargavaH 13

bhagiirathashchaikalavyo manurdhanvantaristathaa
shibishcha rantidevashcha puraaNodgiitakiirtayaH 14

buddha jinendra gorakshaH paaNinishcha pata.njaliH
sha.nkaro madhva niMbaarkau shrii raamaanuja vallabhau 15

jhuulelaalotha chaitanyaH tiruvalluvarastathaa
naayanmaaraalavaaraashcha kaMbashcha basaveshvaraH 16

devalo ravidaasashcha kabiiro guru naanakaH
narasii tulasiidaaso dashameshho dR^iDhavrataH 17

shriimachchhaN^karadevashcha ba.ndhuu saayana maadhavau
GYaaneshwarastukaaraama raamadaasaH purandaraH 18

birasaa sahajaanando ramaanandastathaa mahaan.h
vitarantu sadaivaite daivii.n ShaDguNasaMpadam.h 19

ravivarmaa bhaatakha.nDe bhaagyachandraH sa bhoopatiH
kalaava.ntashcha vikhyaataaH smaraNiiyaa nira.ntaram.h 20

bharatarshhiH kaalidaasaH shriibhojo janakastathaa
suuradaasastyaagaraajo rasakhaanashcha satkaviH 21

agastyaH kaMbu kaunDiNyau raajendrashchola va.nshajaH
ashokaH pushya mitrashcha khaaravelaH suniitimaan.h 22

chaaNakya chandraguptau cha vikramaH shaalivaahanaH
samudraguptaH shriiharshhaH shaile.ndro bapparaavalaH 23

laachidbhaaskara varmaa cha yashodharmaa cha huuNajit.h
shriikR^ishhNadevaraayashcha lalitaaditya udbalaH 24

musunuurinaayakau tau prataapaH shiva bhuupatiH
raNajitasi.nha ityete viiraa vikhyaata vikramaaH 25

vaiGYaaanikaashcha kapilaH kaNaadaH shushrutastathaa
charako bhaaskaraachaaryo varaahamihira sudhiiH 26

naagaarjuna bharadwaaja aaryabhaTTo vasurbudhaH
dhyeyo ve.nkaTa raamashcha viGYaa raamaanujaayaH 27

raamakR^ishhNo dayaana.ndo ravii.ndro raamamohanaH
raamatiirtho.aravi.ndashcha vivekaana.nda udyashaH 28

daadaabhaa_ii gopaba.ndhuH TiLako gaa.ndhii raadR^itaaH
ramaNo maalaviiyashcha shrii subramaNya bhaaratii 29

subhaashhaH praNavaana.ndaH kraa.ntiviiro vinaayakaH
Thakkaro bhiimaraavashcha phule naaraayaNo guruH 30

sa.nghashakti praNetaarau keshavo maadhavastathaa
smaraNiiya sadaivaite navachaitanyadaayakaaH 31

anuktaa ye bhaktaaH prabhucharaNa sa.nsaktahR^idayaaH
aviGYaataa viiraa adhisamaramuddhvastari pavaH
samaajoddhartaaraH suhitakara viGYaana nipuNaaH
namastebhyo bhuuyaatsakala sujanebhyaH pratidinam.h 32

idamekaatmataa stotra.n shraddhayaa yaH sadaa paThet.h
sa raashhTradharma nishhThaavaanakha.nDaM bhaarata.n smaret.h 33

1 thought on “सच्चिदानंदरूपाय – एकात्मता स्तोत्र, मंत्र अर्थ / Ekatmata Stotra Mantra With Meaning In Hindi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *