Gandhi Vadh Kyo ? By Nathuram Godse In Hindi PDF Free Download || गांधी वध क्यो ? द्वारा नाथूराम गोडसे हिंदी में पीडीएफ मुफ्त डाउनलोड
‘वास्तव में मेरे जीवन का उसी समय अन्त हो गया था, जब मैंने गांधी पर गोली चलाई थी। उसके पश्चात् मैं मानो समाधि में हूँ और अनासक्त जीवन बिता रहा हूँ। मैं मानता हूँ कि गांधी जी ने देश के लिए बहुत कष्ट उठाए, जिसके कारण मैं उनकी सेवा के प्रति एवं उनके प्रति नतमस्तक हूँ, किन्तु देश के इस सेवक को भी जनता को धोखा देकर मातृभूमि के विभाजन का अधिकार नहीं था। मैं किसी प्रकार की दया नहीं चाहता हूँ। मैं यह भी नहीं चाहता हूँ कि मेरी ओर से कोई दया की याचना करे। अपने देश के प्रति भक्ति-भाव रखना यदि पाप है तो मैं स्वीकार करता हूँ कि वह पाप मैंने किया है। यदि वह पुण्य है तो उससे जनित पुण्य-पद पर मेरा नम्र अधिकार है। मेरा विश्वास अडिग है कि मेरा कार्य नीति की दृष्टि से पूर्णतया उचित है। मुझे इस बात में लेशमात्र भी सन्देह नहीं कि भविष्य में किसी समय सच्चे इतिहासकार इतिहास लिखेंगे तो वे मेरे कार्य को उचित ठहराएंगे।
———नाथूराम गोडसे
‘Indeed my life had come to an end when I fired at Gandhi. After that, I am as if in trance and life without attachment I am spending I agree that Gandhiji took great pains for the country, due to which I bow down to his service and to him, but this servant of the country also did not have the right to divide the motherland by deceiving the people. I don’t want any mercy. I don’t even want my Ask someone for mercy. If it is a sin to have devotion towards my country, then I accept that I have committed that sin. If it is a virtue, then I have a humble right to the merit-post arising out of it. I firmly believe that my work is ethically justified. I have not the slightest doubt that if true historians write history at some point in the future, they will justify my work.
———Nathuram Godse