गौरी चालीसा लिरिक्स जाने लाभ, पाठ महत्त्व Gouri Chalisa Lyrics and Benefits Hindi

माता गौरी दुर्गा माता का ही एक रूप है। दुर्गा माता के कई रूप हैं। गौरी माता, उमा देवी, सती देवी, काली माता सभी देवी दुर्गा के ही रूप हैं। गौरी देवी की पूजा करने से सभी संकट कट जाते हैं, सुख समृद्धि की प्राप्ति होती हैं। माता गौरी घर में सौभाग्य दायक होती है। गौरी चालीसा का पाठ करने से घर में समृद्धि आती है। माता गौरी की कृपा से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

|| गौरी चालीसा ||

॥ चौपाई ॥
मन मंदिर मेरे आन बसो, आरम्भ करूं गुणगान,
गौरी माँ मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान।
पूजन विधी न जानती, पर श्रद्धा है आपर,
प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे माँ प्राण आधार।
नमो नमो हे गौरी माता, आप हो मेरी भाग्य विधाता,
शरनागत न कभी गभराता, गौरी उमा शंकरी माता।
आपका प्रिय है आदर पाता, जय हो कार्तिकेय गणेश की माता,
महादेव गणपति संग आओ, मेरे सकल कलेश मिटाओ।
सार्थक हो जाए जग में जीना, सत्कर्मो से कभी हटु ना,
सकल मनोरथ पूर्ण कीजो, सुख सुविधा वरदान में दीज्यो।
हे माँ भाग्य रेखा जगा दो, मन भावन सुयोग मिला दो,
मन को भाए वो वर चाहु, ससुराल पक्ष का स्नेहा मै पायु।
परम आराध्या आप हो मेरी, फ़िर क्यूं वर मे इतनी देरी,
हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो, थोडे में बरकत भर दीजियो।
अपनी दया बनाए रखना, भक्ति भाव जगाये रखना,
गौरी माता अनसन रहना, कभी न खोयूं मन का चैना।
देव मुनि सब शीश नवाते, सुख सुविधा को वर मै पाते,
श्रद्धा भाव जो ले कर आया, बिन मांगे भी सब कुछ पाया।
हर संकट से उसे उबारा, आगे बढ़ के दिया सहारा,
जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे, निराश मन मे आस जगावे।
शिव भी आपका काहा ना टाले, दया द्रष्टि हम पे डाले,
जो जन करता आपका ध्यान, जग मे पाए मान सम्मान।
सच्चे मन जो सुमिरन करती, उसके सुहाग की रक्षा करती,
दया द्रष्टि जब माँ डाले, भव सागर से पार उतारे।
जपे जो ओम नमः शिवाय, शिव परिवार का स्नेहा वो पाए,
जिसपे आप दया दिखावे, दुष्ट आत्मा नहीं सतावे।
सात गुण की हो दाता आप, हर इक मन की ज्ञाता आप,
काटो हमरे सकल कलेश, निरोग रहे परिवार हमेश।
दुख संताप मिटा देना माँ, मेघ दया के बरसा देना माँ,
जबही आप मौज में आय, हठ जय माँ सब विपदाएं।
जीसपे दयाल हो माता आप, उसका बढ़ता पुण्य प्रताप,
फल-फूल मै दुग्ध चढ़ाऊ, श्रद्धा भाव से आपको ध्यायु।
अवगुन मेरे ढक देना माँ, ममता आंचल कर देना मां,
कठिन नहीं कुछ आपको माता, जग ठुकराया दया को पाता।
बिन पाऊ न गुन माँ तेरे, नाम धाम स्वरूप बहू तेरे,
जितने आपके पावन धाम, सब धामो को मां प्राणम।
आपकी दया का है ना पार, तभी को पूजे कुल संसार,
निर्मल मन जो शरण मे आता, मुक्ति की वो युक्ति पाता।
संतोष धन्न से दामन भर दो, असम्भव को माँ सम्भव कर दो,
आपकी दया के भारे, सुखी बसे मेरा परिवार।
आपकी महिमा अति निराली, भक्तो के दुःख हरने वाली,
मनोकामना पुरन करती, मन की दुविधा पल मे हरती।
चालीसा जो भी पढे सुनाया, सुयोग वर् वरदान मे पाए,
आशा पूर्ण कर देना माँ, सुमंगल साखी वर देना माँ।
गौरी माँ विनती करूँ, आना आपके द्वार,
ऐसी माँ कृपा किजिये, हो जाए उद्धहार।
हीं हीं हीं शरण मे, दो चरणों का ध्यान,
ऐसी माँ कृपा कीजिये, पाऊँ मान सम्मान।

गौरी चालीसा पढ़ते समय ध्यान रखें
सुबह स्नान आदि से निवृत होकर हल्के रंग के वस्त्र धारण करें।
माता गौरी की पूजा सोमवार को की जाती है, जो कि शिव जी का वार है और शुक्रवार जिसे देवियों की पूजा करने का दिन भी माना गया है को की जाती है। शिव और पार्वती की पूजा करने से जो फल प्राप्त होते हैं, वही फल गौरी माता की पूजा करने से प्राप्त होते हैं। माता गौरी सौभाग्य दायिनी है। मंदिर की साफ सफाई करके लाल कपड़े पर माता गौरी की प्रतिमा या तस्वीर रखें। अब माता गौरी की तस्वीर के आगे गाय के घी का दीपक जलाएं। माता गौरी को सफेद फूल चढ़ाएं। एक तांबे के कलश में पानी भरकर रखें। माता गौरी को रोली और अक्षत से तिलक करें। स्वयं भी तिलक लगाएं। अब गौरी चालीसा का पाठ करें। पाठ संपूर्ण होने पर मिश्री का भोग लगाएं।

गौरी चालीसा का पाठ करने के फायदे

  • गौरी चालीसा का पाठ करने से घर में संपन्नता आती है।
  • धन धान्य की प्रचुरता रहती है।
  • माता गौरी शक्ति का रूप है, इसलिए इनके चालीसा का पाठ करने से शक्ति का संचार होता है।
  • माता गौरी सौभाग्य दायिनी है।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से सौभाग्य प्राप्त होता है।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से सभी कष्ट मिट जाते हैं।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से घर का वातावरण शांत एवं शुभ रहता है।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार की समस्याओं का निराकरण होता है।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव एवं पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से मन में धार्मिक एवं आध्यात्मिक विचार आते हैं।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति हर क्षेत्र में सफलता की ऊंचाइयों को छूता है।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से दिन दोगुनी रात चौगुनी प्रगति होती है।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने से मान, सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
  • गौरी चालीसा का पाठ करने के साथ ही इनके मंत्रों के जाप भी बहुत चमत्कारी प्रभाव देतें हैं।

माता गौरी के प्रमुख मंत्र Gouri Mata Mantra

1. सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।
2. श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः,
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।
3.या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्त्यै।

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