Guru Govind Singh Biography Pdf Free Download || गुरु गोविंद सिंह जीवन परिचय
निरुद्यमी बनाकर जड़वत् कर देता है और ये सब कुछ रहते भी हाथ पैर काटकर जगन्नाथ बन बैठते हैं । और जो जाति एक मात्र परब्रह्म सत्य श्रीअकाल पुरुष की उपासना के सिवाय व्यर्थ पचड़ों में समय नहीं गवाते उसका बल मिथ्या-विश्वासियों से अवश्य प्रबलतर होता है।
अब हिंदू जाति को जगाना चाहिए। व्यर्थ के आईबरगे से छुड़ाकर उन्हें सच्चे धर्ममार्ग पर लाना चाहिए तभी उनकी जड़ता दूर होगी। इतनी आर्य संतान के सामने मुट्ठी भर इसलामी 1. क्या कर सकेंगे ? यदि सरची जागृत हो गई तो
अवश्य औरंगजेब का राज्य होगा और इस अन्याय का, अत्याचार का, प्रतीकार होगा। अब से, खालसा धम्म का प्रचार सूत्र जोर-शोर से हो । बीर-धग्मं का उपदेश हो । साथ ही युद्ध के सामान भी इकट्ठा होने चाहिए । इसमें नो द्रव्य की आवश्यकता होगी।
बैर कोई हर्ज नहीं। यदि प्रत्येक शिष्य भी एक एक बदक या दस दस गोलियाँ या एक एक तलवार लाचेगा और प्रतिदिन जो सैकड़ों दर्शन करने आते हैं, प्रत्येक नहीं यदि सौ में दस भी लावें तो वर्ष के अंत तक तीन चार हजार अस्त्र बिना द्रव्य के एकत्र हो जायेंगे।