Haar Betha Hu Duniya Se Lyrics || हार बैठा हूँ दुनिया से लिरिक्स

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हार बैठा हूँ दुनिया से तेरे दरबार आया हूँ
तेरे दरबार आया हूँ तेरे दरबार आया हूँ
बिन तेरे ना कोई अपना मैया जग से सताया हूँ
हार बैठा हूँ दुनिया से तेरे दरबार आया हूँ ।।

किया था प्रेम जिस जिस को उन्ही से धोखा खाया है,
हे माँ तू न भुला देना शरण में तेरी आया हूँ
हार बैठा हूँ दुनिया से तेरे दरबार आया हूँ।।

सुना है बिगड़ी लाखो की दातिये तुम बनाती हो
ना जाने खोट क्या मुझ में नजर तुम को ना आया हूँ
हार बैठा हूँ दुनिया से तेरे दरबार आया हूँ ।।

हे माँ चरणों में तेरे शीश करे वंदन तेरा ये मनीष,
पुष्प रेहमत के बरसा दो तेरी चोकठ पे आया हूँ
हार बैठा हूँ दुनिया से तेरे दरबार आया हूँ ।।

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