Himalaya Ka Yogi PDF In Hindi Free Download || हिमालय के सिद्ध योगियों की गुप्त सिद्धियां
इस किताब में ब्रह्मनिष्ठ योगीप्रवर श्री १०८ ब्रह्मपि स्वामी योगेश्वरानन्द सरस्वतीजी महाराज (भूतपूर्व राजयोगाचार्य बालब्रह्मचारी व्यासदेवजी महाराज) के जीवन की विशेष घटनाश्री और अनुभूतियो का वर्णन है और जो ‘प्रात्म-विज्ञान’, ‘ब्रह्म-विज्ञान’ तथा ‘बहिरङ्ग-योग’ के रचियता हैं
गहापु्प गभ्यना, ममनि भर घर्म बे खोन होते है। बास्तव में ये किसी भी देग यथवा राष्ट्र को अनौफिक निधि है।
इसके द्वारा ही मानव यादमा का रक्षण सौर रोपण होना है यिम्च- कल्याण के लिए में सदैव चिन्तित रहते हैं।
प्रज्ञान के प्रश्न गर्न मे हवे जीयो फी दयनीय को देकर वे द्ववित होते है यौर प्रपनी पहनुनी पूषा की पर्या वे उन पयभ्रडो पौर किकतव्यविमूत प्राणियो पर शाश्वस पेण करते रहते है।
जप मानय धर्म के प्रति उदासीन हो जाता है, अधर्म की पभिपू्टि होने सगनी है, पापानरग का सम्थन होता है मगबद्भनतो का उपहास प्रोर शामान होगे मगना है…..