सर्दियों में इम्यूनिटी को बढ़ाना चाहते हैं तो आज से ही शुरु कर दें ये पांच योगासन If You Want To Increase Immunity In Winter

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सर्दियों में आए हुए तापमान में बदलाव के कारण सर्दी और जुकाम जैसी समस्याएं होना एक सामान्य बात है। लेकिन वर्तमान समय में ओमीक्रान के मामले दुनिया भर में बढ़ रहे हैं। ऐसे में बीमार होना काफी जोखिम भरा हो सकता है।

ऐसी स्थिति में  अपने शरीर को फिट मजबूत रखना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। सर्दियों के मौसम में अपनी एम्मयुनिटी को बढ़ाने के लिए अच्छेआहार की तो जरूरत होती ही है।

 साथ में कुछ ऐसे योगासन है जिनकी मदद से हम अपनी इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं।जब शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है तो कोई भी रोग शरीर पर इतनी जल्दी हावी नहीं हो पाता है।

इम्यूनिटी क्या है।

इम्यूनिटी को हिंदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा प्रणाली कहा जाता है। प्रतिरक्षा के बारे में सबसे पहले रूसी वैज्ञानिक द्वतीय मेनिकिकोव और फ्रांसीसी सूक्ष्म जीव विज्ञानी लुई पाश्चर ने बताया था।

 प्रारंभ में प्रतिरक्षा को केवल इंफेक्शन या संक्रामक बीमारियों के के लिए जीव की प्रतिरक्षा के लिए माना जाता था।लेकिन बाद में पता चला कि यह हमारे शरीर को सभी प्रकार की बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।

 जिन लोगों की इम्युनिटी अच्छी होती है उनके शरीर के सेल्स में भी परिवर्तन होता है। यदि इम्यूनिटी अच्छी हो तो व्यक्ति कैंसर जैसी घातक बीमारियों से भी लड़ सकता है।

इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण योगासन है जिनकी मदद से हम अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं व शरीर को रोग मुक्त बना सकते हैं।

तो आइए जानते हैं कि वह कौन से योगासन है जिनकी मदद से हम अपनी इम्मयुनिटी को मजबूत कर सकते हैं। योग शरीर को लचीला बनाने के साथ-साथ स्वसन तंत्र को मजबूत करने का कार्य करता है। जिससे बीमार होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं व शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो जाती है।

बालासन

प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए बालासन उपयोगी आसन है

बालासन करने की विधि  

1-वज्रासन में बैठ जाए

2-अब दोनों घुटनों के बीच में थोड़ा सा गैप कर ले

3-अब आगे की और अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए झुके

4-दोनों हाथों को जमीन पर रखकर अपने मस्तक को जमीन पर लगा दें।

5-अपनी सुविधानुसार जितने समय तक इस स्थिति में सहज हो रुके

धनुरासन

धनुरासन के अभ्यास से प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत बनता है ।

धनुरासन करने की विधि

1-पेट के बल लेट जाएं और अपने कूल्हों के साथ पैरों को दूर रखें। अपनी भुजाओं को अपनी तरफ रखें।

2-अब अपने घुटनों को ऊपर की तरफ मोड़े और अपनी एड़ी को अपने कूल्हों की ओर ले जाएं। अपने पैरों के टखने को हाथों से पकड़े।

3-लंबी सांस लेते हुए सीने और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं।

4-चेहरे को सीधा रखें और पैरों को जितना हो सके खींचे।

5-अब  अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।

 सेतुबंधासन

1-अपने घुटनों को मोड़कर और पैरों को जमीन पर मजबूती के साथ टिकाते हुए पीठ के बल लेट जाएं।

2-अब अपने दोनों हाथों को अपने शरीर के दोनों और रखें और हथेलियों को नीचे की ओर रखें।

3-पैरों को जमीन पर दबाएं स्वास खींचे और आराम से अपने कूल्हों को उठाएं और रीढ़ को जमीन से ऊपर उठाएं।

4-अपने कूल्हों को ऊंचा उठाने का प्रयास करें जितना हो सके उठाएं।

 भुजंगासन करने की विधि

1- किसी स्वच्छ और समतल स्थान पर मैट बिछा लें। फिर पेट के बल लेट जाएं और दोनों पैर को बिल्कुल सीधा कर ले।

2- दोनों पैरों के तलवे ऊपर की ओर रखते हुए अंगूठों को आपस में मिलाएं। हाथों को कोहनियों से मोड़कर हथेलियों को सीने के बगल में फर्श पर या जमीन पर टिका कर रखें।

3- गहरी सांस लेते हुए अपने सिर को ऊपर की तरफ उठाएं, अपनी गर्दन को ऊपर की ओर उठाएं सीने को और फिर पेट को ऊपर की तरफ उठाने का प्रयास करें।

4- ध्यान रहे सिर से कमर तक का हिस्सा ही ऊपर की ओर उठे तथा कमर के नीचे से पैरों की अंगुलियों तक का जो हिस्सा है वह जमीन पर समान रूप से लगा रहना चाहिए।

5- मस्तक को सामने की ओर उठाएं और दोनों हाथों को कंधों के समानांतर रखें जिससे शरीर का भार जो है वह आपके हाथों पर ही पड़े।

6- अब शरीर के अगले हिस्से को अपनी हाथों के सहारे उठाएं।

7- अब शरीर को खींचते हुए और लंबी सांस लेते रहें।

8- गर्दन को ऊपर की तरफ उठाते हुए अपने सिर को अधिक से अधिक पीछे की ओर ले जाने का प्रयास करें इस स्थिति में आपकी आंखें आसमान की तरफ होनी चाहिए।

9- जैसा इस आसन का नाम है भुजंगासन यह आसन करते समय कमर से ऊपर का हिस्सा सांप के फन के समान ऊपर की तरफ उठा होना चाहिए।

10- जब कमर और कूल्हे के जोड़ पर अधिक खिंचाव महसूस हो तो ऐसी स्थिति में ऊपर की तरफ देखते हुए कुछ सेकंड तक सांस को रोकने का प्रयास कीजिए।

11- सांस बाहर की ओर निकालते हुए कमर के ऊपर का हिस्सा और अपनी छाती को जमीन पर लगाए और शरीर को ढीला छोड़ दें।

12- कुछ समय तक इस स्थिति में रुक रुक कर पुनः इस आसन को करें। प्रारंभिक दौर में तीन से चार बार इस आसन को करें अभ्यास होने पर अपने शारीरिक सामर्थ्य के अनुसार आसन करें।

13- कमर के ऊपरी हिस्से को उठाते समय धीरे-धीरे सांस भरना चाहिए ,और वापस आते समय सांस को बाहर निकालना चाहिए।

14- आसन को करते समय ध्यान रखें कि कमर के ऊपरी हिस्से को उतना ही ऊपर की तरफ उठाएं जितने में आपकी कमर ऊपर की तरफ ना उठे कमर जमीन पर लगी रहे।

15- इस आसन करते समय जब भी ऊपर की तरफ जाएँ स्वांस को खींचे और जब भी नीचे की तरफ आए तो श्वास को बाहर निकाले।

 शवासन

शारीरिक मानसिक सभी तरह की थकान को दूर कर नई उर्जा देता है ।

शवासन करने की विधि

1-इस आसन का अभ्यास करने के लिए आराम से पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों और पैरों को दोनों तरफ रखें।

2-आंखों को बंद करके धीरे-धीरे नाक से स्वास को बाहर छोड़ें और अंदर की तरफ खींचे।

3-इस स्थिति में करीब 10 मिनट तक रहे शरीर की सारी थकान उतर जाएगी नई ऊर्जा मिलेगी।

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