जीवन की रुलाती घड़ियों में भजन लिरिक्स jeevan kee rulaatee ghadiyon mein
जीवन की रुलाती घड़ियों में मिलता है तुम्हारा मुझे
कुछ चाह न बाकी रहती है प्रभु आके तेरे दरबार मुझे
1.
मेरे दिल के गगन पर आके कभी जब गम की घटा छा जाती है
इक पल में कहीं से दया तेरी तब बन के हवा आ जाती है
तुझे रक्षक सबका कहने में फिर क्यों हो भला इनकार मुझे
2.
प्रभु दर पे तेरे आने वाला , झोली अपनी भर लेता है।
तेरे दर से प्रभु मैं क्या माँगूँ, बिन मांगे तू सब कुछ देता है।
जो तेरी इच्छा है दाता, हरगिज है वही स्वीकार मुझे।।
3.
जब तक मैं प्रभु दुनिया में रहूँ, बस एक मेरा यह काम रहे।
मेरे दिल में प्रभु तेरी याद रहे, होठों पे तुम्हारा नाम रहे।
रहे प्यार तुम्हारी भक्ति में, चाहे जन्म मिले सौ बार मुझे।।