जीवन की घड़ियाँ वृथा न खो ; ओ३म् जपो लिखित भजन Jeevan Ki Ghadiyan Birtha Naa Kho lyrics
जीवन की घड़ियाँ वृथा न खो ; ओ३म् जपो ओ३म् जपो ।
चादर लम्बी तान के सो ; ओ३म् जपो ओ३म् जपो ।
ओम् ही सुख का सार है , ओम् ही जीवनाधार है ;
प्रीती न इसकी मन से तजो , ओ३म् जपो ओ३म् जपो ॥ १ ॥
मन की गति सम्भालिए , ईश्वर की ओर डालिए ।
धोना जो चाहे जीवन को ; ओ३म् जपो ओ३म् जपो ॥ २ ॥
चोला मिला है कर्म का , करने को सौदा धर्म का ;
इसके सिवा मार्ग न कोय ओ३म् जपो ओ३म् जपो ॥ ३ ॥
साथी बना ले ओ३म् को , मन में बिठा लो ओ३म् को
अन्त में क्यों भाग्य को रो ; ओ३म् जपो ओ३म् जपो ॥ ४ ॥
दुनियाँ में आके क्या किया , कभी न प्रभु का नाम लिया । अज्ञान की तिप्रा बन्दे न सो ; ओ३म् जपो ओ३म् जपो ॥ ५ ॥