Jhula Radhe Ko Kanha Jhulaye Lyrics | झूला राधे को कान्हाँ झुलाएं लिरिक्स

डोर कदम्ब की डार बंधवा के,
झूला राधे को कान्हाँ झुलाएं ।
डोर कदम्ब की डार बंधवा के,
झूला राधे को कान्हाँ झुलाएं ।।

नाँचे मन मयूरा, गाये पपीहरा,
नाँचे मन मयूरा, गाये पपीहरा ।
घटा कारी, घिर घिर आए,
झूला राधे को कान्हाँ झुलाएं ।।

आया बैरी सावन, हुआ बावरा मन,
आया बैरी सावन, हुआ बावरा मन ।
नन्ही बुँदे घन बरसायें,
झूला राधे को कान्हाँ झुलाएं ।।

झूमे धरती गगन, होक मगन,
झूमे धरती गगन, होक मगन ।
धुन मुरली की जादू जगाये,
झूला राधे को कान्हाँ झुलाएं ।।

ब्रिज हर्षाये रे, सखियाँ मुस्काये रे,
ब्रिज हर्षाये रे, सखियाँ मुस्काये रे
निधिवन में आनंद छाएं,
झूला राधे को कान्हाँ झुलाएं ।।

डोर कदम्ब की डार बंधवा के,
झूला राधे को कान्हाँ झुलाएं ।
डोर कदम्ब की डार बंधवा के,
झूला राधे को कान्हाँ झुलाएं ।।

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