[ Krishna Bhajan ] तेरे प्यार का आसरा। – Tere Pyar ka Aasra Chahta Hu

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तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ,
कृपासिंधु तेरी कृपा चाहता हूँ।।

मैं चाहता जानु क्यों मशहूर हो तुम,
क्यों भक्तों के दिल के कोहिनूर हो तुम,
जरा पास आओ क्यों ऐसे दूर हो तुम,
जरा पास आओ क्यों ऐसे दूर हो तुम,
तुम्हे पास से देखना चाहता हूँ,
कृपासिंधु तेरी कृपा चाहता हूँ।।

मैं चाहता हूँ मुझ पे भी तुम्हारी नजर हो,
तेरे इश्क़ का मुझपे ऐसा असर हो,
जमाने को भूलूँ बस तेरी खबर हो,
जमाने को भूलूँ बस तेरी खबर हो,
तुम्हे रात दिन सोचना चाहता हूँ,
कृपासिंधु तेरी कृपा चाहता हूँ।।

मैं भटका हुआ हूँ मुझे राह दिखाओ,
प्रभु प्रेम करना मुझे भी सिखाओ,
जो काबिल नहीं तेरे काबिल बनाओ,
जो काबिल नहीं तेरे काबिल बनाओ,
मैं भी तुम्हे पूजना चाहता हूँ,
कृपासिंधु तेरी कृपा चाहता हूँ।।

मेरे सर पे बाबा जरा हाथ धर दो,
प्रभु भाव ऐसा मेरे दिल में भर दो,
‘सोनू’ को भी भजनों में मदहोश करदो,
‘सोनू’ को भी भजनों में मदहोश करदो,
तेरी मस्ती में झूमना चाहता हूँ,
कृपासिंधु तेरी कृपा चाहता हूँ।।

तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ,
कृपासिंधु तेरी कृपा चाहता हूँ।।

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