लगता है ईश्वर से यह दिल कभी-कभी लिखित भजन Lagta Hai Ishwar Se Lyrics

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लगता है ईश्वर से यह दिल कभी – कभी ।
मिलती है सज्जनों की महफिल कभी – कभी ॥

मिलते हैं जन्म अनेकों इस जीव आत्मा को ।
मिलता है आदमी का यह तन कभी – कभी ॥१।।

चलना तो रात – दिन है जीवन की राह में ।
मिलती है आदमी को मंजिल कभी – कभी ।।२।।

मझधार में हो नैया अंधियारी रात हो ।
ऐसी दशा में मिलता है साहिल कभी – कभी ।।३।।

इक बूंद जल की प्यासा चातक है चाहता ।
स्वाती में बरसता है यह बादल कभी – कभी ।। ४।।

लाखों जहाँ में आये लाखों चले गये ।
जीवन में है मिलता रहबर कभी – कभी ।। ५।।

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