Lajja By Taslima Nasreen / Munmun Sarkar PDF In Hindi Free Download || लज्जा (तसलीमा नसरीन / मुनमुन सरकार) द्वारा पीडीएफ हिंदी में मुफ्त डाउनलोड
आज दिसम्बर महीने की सातवीं तारीख है। कल दोपहरं को अयोध्या में सरयू नदी के किनारे घना अंधकार उतर आया। कार सेवकों द्वारा साढ़े चार सौ वर्ष पुरानी एक मस्जिद तोड़ दी गयी। विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा घोषित कार सेवा शुरू होने के पच्चीस मिनट पहले यह घटना घटी। कार सेवकों ने करीव पाँच घंटे तक लगातार कोशिश करके तीन गुम्बद सहित पूरी इमारत को धूल में मिला दिया। यह सब भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिन्दू परिषद्, आर० एस० एस० और बजरंग दल के सर्वोच्च नेताओं के नेतृत्व में हुआ और केन्द्रीय सुरक्षा वाहिनी, पी० ए० सी० और उत्तर प्रदेश पुलिस निष्क्रिय, खड़ी-खड़ी, कार सेवकों का अविश्वसनीय तांडव देखती रही। दोपहर के दो बज कर पैंतालीस मिनट पर एक गुम्बद तोड़ा गया। चार बजे दूसरा गुम्बद तोड़ा गया, चार बजकर पैंतालिस मिनट पर तीसरे गुम्बद को भी कार सेवकों ने ढहा दिया । इमारत को तोड़ते समय चार कार सेवक मलवे में दबकर मर गये और सौ से अधिक घायल हुए।
सुरंजन विस्तर पर लेटे-लेटे ही अखवार के पन्नों को उलट रहा था।
आज के सभी अखवारों की वैनर हेडिंग है-बाबरी मस्जिद का ध्वंस, विध्वस्त । वह कभी अयोध्या नहीं गया, वावरी मस्जिद नहीं देखी। देखेगा भी कैसे, उसने तो कभी देश से बाहर कदम रखा ही नहीं। राम का जन्म कब हुआ था और मिट्टी को खोदकर कोई मस्जिद बनी या नहीं, यह उसके लिए कोई मतलब नहीं रखता लेकिन सुरंजन यह मानता है कि सोलहवीं शताब्दी के इस स्थापत्य पर आघात करने का मतलब सिर्फ भारतीय मुसलमानों पर ही आघात करना नहीं बल्कि सम्पूर्ण हिन्दुओं पर भी आघात करना है।
दरअसल यह सम्पूर्ण भारत पर, समग्र कल्याणवोध पर, सामूहिक विवेक पर आघात करना है। सुरंजन समझ रहा है कि बांग्ला देश में बाबरी मस्जिद को लेकर तीव्र तांडव शुरू हो जायेगा, सारे मन्दिर धूल में मिल जायेंगे । हिन्दुओं के घर जलेंगे। दुकानें लूटी जायेंगी। भारतीय जनता पार्टी की प्रेरणा से कार सेवकों ने वहाँ बावरी मस्जिद को तोड़ कर इस देश के कट्टर कठमुल्लावादी दलों को और भी मजबूत कर दिया है । विश्व हिन्दू परिषद्, भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दल क्या यह सोच रहे हैं कि उनके उन्मत्त आचरण का प्रभाव सिर्फ भारत की भौगोलिक सीमा तक ही सीमित रहेगा? भारत में साम्प्रदायिक हंगामे ने व्यापक आकार धारण कर लिया है मारे गये लोगों की संख्या पाँच सौ, छह सौ, हजार तक पहुँच गयी है ।
Today is the seventh day of the month of December. Dense darkness descended on the banks of river Saryu in Ayodhya yesterday afternoon. A four and a half hundred year old mosque was demolished by kar sevaks. The incident took place twenty-five minutes before the start of the car service announced by the Vishwa Hindu Parishad. The kar sevaks put the whole building including the three domes in the dust with constant efforts for about five hours. All this happened under the leadership of the top leaders of the Bharatiya Janata Party, Vishwa Hindu Parishad, RSS and Bajrang Dal and the Central Security Corps, PAC and the Uttar Pradesh Police watched the inactive, standing, unbelievable orgy of kar sevaks.
A dome was demolished at 2:45 in the afternoon. The second dome was demolished at four o’clock, the third dome was also demolished by the kar sevaks at 4:45 pm. While demolishing the building, four kar sevaks were buried under the rubble and more than a hundred were injured.
Suranjan was lying on the bed turning the pages of the newspaper. The vanary heading of all the newspapers of today is – Demolition of Babri Masjid, Demolition. He never went to Ayodhya, did not see the Vavari Masjid. Will see how, he has never even stepped out of the country. When Rama was born and whether a mosque was built by excavating the soil, it does not matter to him, but Suranjan believes that attacking this sixteenth century architecture does not mean attacking only Indian Muslims but Hindus as a whole. But also to hurt. In fact, it is an attack on the whole of India, on the overall welfare, on the collective conscience. Suranjan is understanding that intense orgy will start in Bangladesh regarding Babri Masjid, all the temples will be mixed in dust.
Hindus’ houses will be under fire. Shops will be looted. With the inspiration of the Bharatiya Janata Party, the Kar Sevaks broke the Bawri Masjid there and strengthened the hardline fundamentalist parties of this country. Are the Vishwa Hindu Parishad, the Bharatiya Janata Party and their allies thinking that the effect of their frantic conduct will be confined only to the geographical extent of India? In India, the communal uproar has assumed a wide size, the number of people killed has reached five hundred, six hundred, thousand.