सखि जोगी एक ठाढ़ अंगनमा मे मैथिली लोकगीत || मैथिली शिव भजन लिरिक्स || Maithili Shiv Bhajan Lyrics
सखि जोगी एक ठाढ़ अंगनमा मे
अंगनमा मे, हे भवनमा मे
सांपहि सांप बाम-दहिन छल
चित्र-विचित्र बसनमा मे
नित दिन भीख कतऽ सँ लायब
घुरि फिरि जाहु अंगनमा मे
भीखो ने लिअय जोगी, घुरियो ने जाइ
गौरी हे निकलू अंगनमा मे
भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइन
शिव सन दानी के भुवनमा मे