Nayan ka nayan se, naman ho raha || नयन का नयन से, नमन हो रहा…

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नयन का नयन से, नमन हो रहा है
लीजिए उषा का आगमन हो रहा है

परत दर परत, चांदनी कट रही है
तभी तो निशा का, गमन हो रहा है

बिछौनों पर अभी भी हैं, अलसाये सपने
पलक खोल कर भी, जो शयन हो रहा है

क्षितिज पे प्राची की पहली किरण का
ज्यों लहर से प्रथम आचमन हो रहा है

हैं नहला रहीं, हर कली को तुषारें
लगन पूर्व कितना जतन हो रहा है

वहीं शाख पर पँक्षियों का है कलरव
प्रभाती-सा लेकिन, सहन हो रहा है

बढ़ी जा रही जिस तरह से अरुणिमा
है लगता की कहीं पर हवन हो रहा है

मधुर मुक्त आभा, सुगंधित पवन है
नये दिन का कैसा सृजन हो रहा है।

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