श्री राम जी की सेना चली गीत लिरिक्स
पापियों के नाश को ऽ.ऽ.ऽ धर्मं के प्रकाश को ऽ.ऽ.ऽ
पापियों के नाश को, धर्मं के प्रकाश को।
राम जी की सेना चली, रामजी की सेना चली।। श्री राम जी की सेना चली, राम जी की सेना चली…
हर हर महादेव, हर हर महादेव…
पाप अनाचार में, घोर अन्धकार में।
एक नई ज्योति जली, श्री रामजी की सेना चली।।ध्रु.।। श्री रामजी की सेना चली…
हर हर महादेव, हर हर महादेव…
निश्चिर हीन करेंगे धरती, यह प्राण है श्रीराम का।
जब तक काम न पूरा होगा, नाम नही विश्राम का।।
उसे मिटानें चलें कि जिसका, मंत्र वयम रक्षाम का।।
समय आ चला निकट राम, और रावण के संग्राम का।।
तीन लोक धन्य हैं ऽ.ऽ.ऽ देवता प्रस्सन्न हैं ऽ.ऽ.ऽ
तीन लोक धन्य हैं, देवता प्रस्सन्न हैं।
आज मनोकामना फली, श्री रामजी की सेना चली।। श्री रामजी की सेना चली…।।1।।
हर हर महादेव, हर हर महादेव…
रामचन्द्र जी के संग लक्ष्मण कर में लेकर बाण चले।
लिए विजय विश्वास ह्रदय में, संग वीर हनुमान चले।।
सेना संग सुग्रीव, नील, नल, अंगद छाती तान चले।।
उसे बचाए कौन कि जिसका, वध कराने भगवान चले।।
आगे रघुनाथ हैं ऽ.ऽ.ऽ वीर साथ साथ हैं ऽ.ऽ.ऽ
आगे रघुनाथ हैं, वीर साथ-साथ हैं।
एक से एक बलि, श्री रामजी की सेना चली।। श्री रामजी की सेना चली…।।2।।
हर हर महादेव, हर हर महादेव…
नोटः संघ में प्रायः उपरोक्त अन्तरों के पश्चात गीत समाप्त कर दिया जाता हैं।
प्रभु लंका पर डेरा डाले, जब महासागर पार हो।
कब हो सफल अभियान हमारा, कब सपना साकार हो।।
पाप अनीति मिटे धरती से, धर्मं की जाय-जाय कार हो।।
कब हो विजयी राम हमारे, कब रावण की हार हो।।
राम जी से आस है ऽ.ऽ.ऽ राम पे विश्वास है ऽ.ऽ.ऽ
राम जी से आस है, राम पर विश्वास है।
राम जी करेंगे भली, श्री रामजी की सेना चली।।श्री रामजी की सेना चली…।।3।।
हर हर महादेव, हर हर महादेव
जय भवानी, जय भवानी, जय भवानी (समाप्त…)