सबसे बड़ा भिखारी Sabase Bada Bhikhaaree Tenalirama Stories

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एक दिन राजा कृष्णदेव राय कुछ दरबारियों के साथ घूमने निकले। राजधानी के बजारों और मंदिरों के सामने भिखारियों की भीड़ थी। उन्होंने आकर दरबारियों से पूछा, तो वे बोले- “महाराज, विजयनगर में भिखारियों की संख्या काफी बढ़ती जा रही है।”

सुनकर राजा चैंके। फिर बोले – तो क्या हमारी शासन व्यवस्था ठीक नहीं है। भला इतने लोगों को भीख क्यों मांगनी पड़ रही है?

सुनकर सब चुप। किसी की समझ में नहीं आया कि इस सवाल का क्या जवाब दिया जाए?

कुछ देर बाद राजा ने तेनालीराम को बुलाकर कहा तेनालीराम, जरा पता लगाओ कि हमारे राज्य में भिखारियों की संख्या इतनी क्यों बढ़ती जा रही है।

तेनालीराम बोला – महाराज, मुझे इसके लिए सात दिन की छुट्टी चाहिए।

क्यों? राजा ने पूछा।

इसलिए महाराज कि मैं भी भीख मांगकर थोड़ी कमाई कर लूं। फिर आपके सवाल का जवाब भी ढूंढ़ लूंगा- तेनालीराम बोला।

सुनकर राजा हंस पड़े। बोले- ठीक है तेनालीराम, पर सात दिन के अंदर मेरे सवाल का जवाब मिलना चाहिए।

एक-एक करके छह दिन बीत गए। राजा को उत्सुकता थी कि भला तेनालीराम कर क्या रहा है। उन्होंने दरबारियों से पूछा तो सभी मुंह फेरकर हंसने लगे। आखिर पुरोहित ने कहा – महाराज, वाकई तेनालीराम भीख मांग रहा था, हमने खुद अपनी आंखों से देखा था।

हाँ, महाराज तेनालीराम बहुत जिद्दी हो गया है। अब तो उसे राजदरबार की प्रतिष्ठा की भी परवाह नहीं है- मंत्री ने कहा।

राजा को क्रोध आ गया। बोले – अच्छा तो अब तेनालीराम ने भीख मांगना भी शुरू कर दिया। राजा अपनी बात पूरी कर पाते इससे पहले भिखारियों का एक दल वहां आ गया। उनमें से आगे वाला भिखारी बोला – महाराज, अभी भीख मांगना कहां सीख पाए हैं? भीख मांगकर पहले तो गुजारा ही कहां होता है? फिर उसमें न जाने किस-किस का हिस्सा।

किसका हिस्सा – राजा ने पूछा।

इसका उत्तर तो हम नहीं राज्य का सबसे बड़ा भिखारी दे सकता है, जो हम सबसे भीख मांगवाता है।

कौन है सबसे बड़ा भिखारी? राजा ने चिल्लाकर कहा। यह मंत्री जी बताएंगे। महाराज, यह भिखारी पता नहीं क्या उल्टा-सीधा बोल रहा है। आप इसकी बात मत सुनिए -मंत्री ने आग बबूला होकर कहा।

ठीक है महाराज, आप उस भिखारी की बात मत सुनिए, पर मेरी बात तो आपको माननी पड़ेगी। कहते-कहते आगे खड़े तेनालीराम ने अपना फटा चोगा उतारा, तो सामने तेनालीराम खड़ा था। देखकर राजा चकराए। तेनालीराम बोला – महाराज, इतने समय से भिखारियों के बीच रहकर मैंने सबसे बड़ा भिखारी खोज लिया है। मंत्री जी बताइए कि उन्होंने उसे कहां छुपा दिया है, वरना तो….

सुनकर मंत्री के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगीं। उसने मान लिया कि उसका दूर का रिश्तेदार रघुराज को गिरफ्तार कर लिया। देखते ही देखते राज्य से भिखारी गायब हो गए। मंत्री को कड़ी फटकार पड़ी। उसने आगे से गलत लोगों का साथ न देने की कसम खाई। हर कोई तेनालीराम की प्रशंसा कर रहा था।

शिक्षा (Moral of Story): थोड़ा दिमाग लड़ाने से बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी समस्या का समाधान निकल आता है।

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