सेतुबंधासन करने का आसान तरीका, फायदे और सावधानियों Setu Bandhasana Yoga Steps Benefits

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आज के समय में अधिकतर लोग मानसिक तनाव तथा शारीरिक पीड़ाओं के समाधान के लिए लाखों रुपए खर्च कर देते हैं जिसके बाद भी उन्हें आराम मिलने की संभावना कम रहती है। योग व आसान ऐसी क्रियाएं हैं जिन्होंने प्राचीनतम काल से लेकर वर्तमान तक लोगों को शारीरिक व मानसिक सुख प्रदान किया है। योगासनों के विभिन्न प्रकार के होते हैं और प्रत्येक योगासन के भिन्न-भिन्न लाभ होते हैं। इस प्रकार शरीर को मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ करने में योगासनों की भूमिका विशेष है। योगासन के विभिन्न प्रकारों में से एक है सेतुबंधासन जिसके अभ्यास से शरीर की अनेकों बीमारियों से निजात पाया जा सकता है। आज हम अपने इस लेख के माध्यम से आपको सेतुबंधासन के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं।

 Setu Bandhasana Ke Fayde in Hindi  – Setu Bandhasana Yoga ke labh 

सेतुबंधासन दो शब्दों से मिलकर बना है, “सेतु” + “बंध”। इन दोनों शब्दों का अर्थ भिन्न-भिन्न है। सेतु का अर्थ होता है “पुल” और बंध का अर्थ होता है “बांधना”। इस प्रकार सेतुबंधासन के अन्तर्गत, शरीर की स्थिति एक पुल के रूप बनाई जाती है और कुछ समय के लिए उस स्थिति में स्थिर रहा जाता है। इसी कारण इसका नाम सेतुबंधासन रखा गया है। सेतुबंधासन एक साधारण स्तर का आसान है जिसे 30 से 60 सेकंड तक की अवधि में किया जाता है। इस आसन में गर्दन व पसलियों की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इसके साथ ही सेतुबंधासन के माध्यम से पैर, पीठ, छाती तथा गर्दन को मज़बूती मिलती है।

Setu Bandhasana ke Fayde in Hindi 

 सेतुबंधासन करने का तरीका

  • सेतुबंधासन करने के लिए सर्वप्रथम ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएं। सांस की गति सामान्य रखें।
  • इसके बाद अपने दोनों पैरों को हिप्स की ओर आगे लाते हुए घुटनों को मोड़ लें और एड़ियों को ज़मीन पर रखें
  • हाथों को बगल के पास से लेकर जाते हुए ज़मीन से सटाए रखें।
  • अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए अपने हिप्स को ज़मीन से ऊपर उठाएं।
  • इस स्थिति में कुछ समय के लिए सांस रोक कर रहें।
  • इसके बाद सांस छोड़ते हुए अपने हिप्स को ज़मीन पर वापस लेकर जाएं।
  • मुड़े हुए घुटनों को सीधा फैला लें और कुछ समय के लिए आराम कर लें।
  • 10-12 सेकंड के लिए विश्राम करें और फिर से यही प्रक्रिया शुरू करें।

Setu Bandhasana ke Fayde in Hindi 

सेतुबंधासन का महत्व – Setu Bandhasana in Hindi

सेतुबंधासन करते समय हमारे शरीर की स्थिति वैज्ञानिक रूप से बेहद लाभदायक होती है। सेतुबंधासन करते समय हमारे शरीर में हृदय की स्थिति ऊपर की ओर रहती है जिससे रक्त का प्रभाव हमारे सिर की तरफ बढ़ने लग जाता है। सिर की ओर रक्त का प्रभाव बढ़ने से हमें थकान, डिप्रेशन, एंग्जाइटी, माइग्रेन, अनिद्रा, तनाव और सिरदर्द आदि दिक्कतों में राहत मिलती है।

  • सेतुबंध आसन के नियमित अभ्यास से मनुष्य का दिमाग सक्रिय होता है तथा ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है।
  • अस्थमा की बीमारी से पीड़ित मरीजों को ज़्यादातर यह आसन करने का परामर्श दिया जाता है। अस्थमा में यह आसन बेहद लाभदायक रहता है।
  • छाती में नसों की ब्लॉकेज को रोकने में मद्दगार साबित होता है।
  • शरीर में रक्त संचार की स्थिति सुधरती है।
  • फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में सेतुबंधासन कारगर साबित होता है।
  • जो लोग दिनभर कंप्यूटर या लैपटॉप पर बैठकर काम करते हैं उनके लिए यह आसन काफी अच्छा रहता है। इस आसन को करने से कंधों से लेकर घुटने तक की मसाज जैसा आराम मिल जाता है।

Setu Bandhasana Yoga in Hindi

  • थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करने के साथ ही सेतुबंधासन मेटाबॉलिज्म को भी नॉर्मल कर देता है।
  • इस आसन को करने से शरीर का वज़न नियंत्रण रहता है तथा अनावश्यक फैट भी कम हो जाता है।
  • सेतुबंधासन रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है।
  • यह आसन महिलाओं के लिए भी बेहद लाभकारी है। महिलाओं के पीरियड्स व गर्भवती अवस्था में सेतुबंधासन करने से दर्द में राहत तथा मज़बूती मिल सकती है।

Setu bandhasana ke fayde in hindi 

सेतुबंधासन करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें: – setu bandhasana yoga in hindi

  • यदि आप सेतुबंधासन करने के इच्छुक हैं तो आपको यह जानकारी अवश्य होनी चाहिए कि जिन लोगों की गर्दन और कमर में दर्द रहता है उन्हें सेतुबंधासन नहीं करना चाहिए।
  • सेतुबंधासन आसन करने से पहले डॉक्टर का परामर्श लेना भी उचित रहता है।
  • यदि आपको आंत या फिर पेट से जुड़ी कोई समस्या है तो आपको सेतुबंधासन नहीं करना चाहिए।
  • यदि आपके शरीर में पेट से संबंधित कोई परेशानी है या फिर किसी प्रकार की चोट लगी है तो ऐसी स्थिति में भी आपको यह आसन नहीं करना चाहिए।

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