Sham Savere Dekhu Tujhko – शाम सवेरे देखु तुझको

श्याम सवेरे देखूँ तुझको कितना सुंदर रूप है,
तेरा साथ ठंडी छाया बाकी दुनिया धूप है,
जब जब भी इसे पुकारू मैं,
तस्वीर को इसकी निहारू मै ,
ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने,

खुश हो जाएगर साँवरियाँ,
किस्मत को चमका देता,
हांथ पकड़ ले अगर,
किसी का जीवन स्वर्ग बना देता,
यह बातें सोच विचारूँ मैं,
तस्वीर को इसकी निहारू मैं,
ओ मेरा श्याम आजाता मेरे सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने,

गिरने से पहले ही आकर,
बाबा मुझे संभालेगा
पूरा है विश्वास है कभी,
तू तूफ़ानो से निकालेगा,
ये तन मन तुझपे वारु मैं,
तस्वीर को इसकी निहारू मै
ओ मेरा श्याम आजाता मेरे सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने,

श्याम के आगे मुझको,
तो ये दुनिया फिकी लगती है
जिस मोह में और जान है,
वो इतनी नजदीकी लगती है
अपनी तक़दीर सवांरु मै,
तस्वीर को इसकी निहारू मै,
ओ मेरा श्याम आजाता मेरे सामने,
ओ मेरा श्याम आजाता मेरे सामने,

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