सीता चालीसा लिरिक्स हिंदी पाठ करने के फायदे/ Benefits Sita Mata Chalisa/ Sita Chalisa Lyrics Hindi

0

जयतु जानकी जनकनंदिनी जगतारिणि सीता
वेदवती माँ जयतु मैथिली माता श्री सीता ।
भक्ति दायिनी, मुक्ति दायिनी, वरदायिनी सीता,
धरणी धिया माता श्री सीता ।

हिंदू धर्म में भगवान राम और सीता का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। भगवान राम के साथ माता सीता की पूजा करना भी बहुत लाभदायक माना गया है। माता सीता को जानकी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार राजा जनक जब खेत में हल चला रहे थे, तभी एक मटके में उन्हें माता सीता मिली। इसीलिए उन्हें जानकी भी कहते है। माता सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। माता सीता की पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं।

हिंदू धर्म ग्रंथों में माता सीता को सती शिरोमणि का स्थान प्राप्त है। वह सभी स्त्रियों में सर्वोत्तम है। जब तक सृष्टि है तब तक उनका अस्तित्व रहेगा। माता सीता के पावन और पवित्र चरित्र के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा। पुराणों में सीता माता को लक्ष्मी देवी कहा गया है। सीता जी के मंत्रों का जाप करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

माता सीता जी के प्रभावशाली मंत्र.
1. सीता लक्ष्मीर्भवान विष्णुर्देवा वै वानरास्तथा।
2. श्री रामाय नम: तथा ‘श्री सीतायै नम:।
माता सीता जी की पूजा करने से भगवान राम और हनुमान जी की कृपा भी प्राप्त होती है। माता सीता सृष्टि का आधार है, इनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

॥ दोहा ॥

बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम ।
राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥
कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम ।
मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन सिया राम ॥

॥ चौपाई ॥

राम प्रिया रघुपति रघुराई । बैदेही की कीरत गाई ॥१॥
चरण कमल बन्दों सिर नाई । सिय सुरसरि सब पाप नसाई ॥२॥
जनक दुलारी राघव प्यारी । भरत लखन शत्रुहन वारी ॥३॥
दिव्या धरा सों उपजी सीता । मिथिलेश्वर भयो नेह अतीता ॥४॥

सिया रूप भायो मनवा अति । रच्यो स्वयंवर जनक महीपति ॥५॥
भारी शिव धनुष खींचै जोई । सिय जयमाल साजिहैं सोई ॥६॥
भूपति नरपति रावण संगा । नाहिं करि सके शिव धनु भंगा ॥७॥
जनक निराश भए लखि कारन । जनम्यो नाहिं अवनिमोहि तारन ॥८॥

यह सुन विश्वामित्र मुस्काए । राम लखन मुनि सीस नवाए ॥९॥
आज्ञा पाई उठे रघुराई । इष्ट देव गुरु हियहिं मनाई ॥१०॥
जनक सुता गौरी सिर नावा । राम रूप उनके हिय भावा ॥११॥
मारत पलक राम कर धनु लै । खंड खंड करि पटकिन भूपै ॥१२॥

जय जयकार हुई अति भारी । आनन्दित भए सबैं नर नारी ॥१३॥
सिय चली जयमाल सम्हाले । मुदित होय ग्रीवा में डाले ॥१४॥
मंगल बाज बजे चहुँ ओरा । परे राम संग सिया के फेरा ॥१५॥
लौटी बारात अवधपुर आई । तीनों मातु करैं नोराई ॥१६॥

कैकेई कनक भवन सिय दीन्हा । मातु सुमित्रा गोदहि लीन्हा ॥१७॥
कौशल्या सूत भेंट दियो सिय । हरख अपार हुए सीता हिय ॥१८॥
सब विधि बांटी बधाई । राजतिलक कई युक्ति सुनाई ॥१९॥
मंद मती मंथरा अडाइन । राम न भरत राजपद पाइन ॥२०॥

कैकेई कोप भवन मा गइली । वचन पति सों अपनेई गहिली ॥२१॥
चौदह बरस कोप बनवासा । भरत राजपद देहि दिलासा ॥२२॥
आज्ञा मानि चले रघुराई । संग जानकी लक्षमन भाई ॥२३॥
सिय श्री राम पथ पथ भटकैं । मृग मारीचि देखि मन अटकै ॥२४॥

राम गए माया मृग मारन । रावण साधु बन्यो सिय कारन ॥२५॥
भिक्षा कै मिस लै सिय भाग्यो । लंका जाई डरावन लाग्यो ॥२६॥
राम वियोग सों सिय अकुलानी । रावण सों कही कर्कश बानी ॥२७॥
हनुमान प्रभु लाए अंगूठी । सिय चूड़ामणि दिहिन अनूठी ॥२८॥

अष्ठसिद्धि नवनिधि वर पावा । महावीर सिय शीश नवावा ॥२९॥
सेतु बाँधी प्रभु लंका जीती । भक्त विभीषण सों करि प्रीती ॥३०॥
चढ़ि विमान सिय रघुपति आए । भरत भ्रात प्रभु चरण सुहाए ॥३१॥
अवध नरेश पाई राघव से । सिय महारानी देखि हिय हुलसे ॥३२॥

रजक बोल सुनी सिय वन भेजी । लखनलाल प्रभु बात सहेजी ॥३३॥
बाल्मीक मुनि आश्रय दीन्यो । लव-कुश जन्म वहाँ पै लीन्हो ॥३४॥
विविध भाँती गुण शिक्षा दीन्हीं । दोनुह रामचरित रट लीन्ही ॥३५॥
लरिकल कै सुनि सुमधुर बानी । रामसिया सुत दुई पहिचानी ॥३६॥

भूलमानि सिय वापस लाए । राम जानकी सबहि सुहाए ॥३७॥
सती प्रमाणिकता केहि कारन । बसुंधरा सिय के हिय धारन ॥३८॥
अवनि सुता अवनी मां सोई । राम जानकी यही विधि खोई ॥३९॥
पतिव्रता मर्यादित माता । सीता सती नवावों माथा ॥४०॥

॥ दोहा ॥

जनकसुता अवनिधिया राम प्रिया लव-कुश मात ।
चरणकमल जेहि उन बसै सीता सुमिरै प्रात ॥

॥ इति श्री सीता माता चालीसा संपूर्णम् ॥

Shri Sita Mata Chalisa English

।। doha ।।

bandau charan saroj nij janak lalee sukh dhaam ।
raam priy kirapa karen sumiraun aathon dhaam ।
keerati gaatha jo padhen sudharain sagare kaam ।
man mandir baasa karen duhkh bhanjan siya raam । ।

।। chaupaee ।।

raam priya raghupati raghuraee । baidehee kee keerat gaee ।1।
charan kamal bandon sir naee । siy surasari sab paap nasaee ।2।
janak dulaaree raaghav pyaaree । bharat lakhan shatruhan vaaree ।3।
divya dhara son upajee seeta । mithileshvar bhayo neh ateeta ।4।

siya roop bhaayo manava ati । rachyo svayanvar janak maheepati ।5।
bhaaree shiv dhanush kheenchai joee । siy jayamaal saajihain soee ।6।
bhoopati narapati raavan sanga । naahin kari sake shiv dhanu bhanga ।7।
janak niraash bhe lakhi kaaran । janamyo naahin avanimohi taaran ।8।

yah sun vishvaamitr muskae । raam lakhan muni sees navae ।9।
aagya paee uthe raghuraee । isht dev guru hiyahin manaee ।10।
janak suta gauree sir naava । raam roop unake hiy bhaava ।11।
maarat palak raam kar dhanu lai । khand khand kari patakin bhoopai ।12।

jay jayakaar huee ati bhaaree । aanandit bhe sabain nar naaree ।13।
siy chalee jayamaal samhaale । mudit hoy greeva mein daale ।14।
mangal baaj baje chahun ora । pare raam sang siya ke phera ।15।
lautee baaraat avadhapur aaee । teenon maatu karain noraee ।16।

kaikeee kanak bhavan siy deenha । maatu sumitra godahi leenha ।17।
kaushalya soot bhent diyo siy । harakh apaar hue seeta hiy ।18।
sab vidhi baantee badhaee । raajatilak kaee yukti sunaee ।19।
mand matee manthara adain । raam na bharat raajapad pain ।20।

kaikeee kop bhavan ma gailee । vachan pati son apaneee gahilee ।21।
chaudah baras kop banavaasa । bharat raajapad dehi dilaasa ।22।
aagya maani chale raghuraee । sang jaanakee lakshaman bhaee ।23।
siy shree raam path path bhatakain । mrg maareechi dekhi man atakai ।24।

raam gae maaya mrg maaran । raavan saadhu banyo siy kaaran ।25।
bhiksha kai mis lai siy bhaagyo । lanka jaee daraavan laagyo ।26।
raam viyog son siy akulaanee । raavan son kahee karkash baanee ।27।
hanumaan prabhu lae angoothee । siy choodaamani dihin anoothee ।28।

ashthasiddhi navanidhi var paava । mahaaveer siy sheesh navaava ।29।
setu baandhee prabhu lanka jeetee । bhakt vibheeshan son kari preetee ।30।
chadhi vimaan siy raghupati aae । bharat bhraat prabhu charan suhae ।31।
avadh naresh paee raaghav se । siy mahaaraanee dekhi hiy hulase ।32।

rajak bol sunee siy van bhejee । lakhanalaal prabhu baat sahejee ।33।
baalmeek muni aashray deenyo । lav-kush janm vahaan pai leenho ।34।
vividh bhaantee gun shiksha deenheen । donuh raamacharit rat leenhee ।35।
larikal kai suni sumadhur baanee । raamasiya sut duee pahichaanee ।36।

bhoolamaani siy vaapas lae । raam jaanakee sabahi suhae ।37।
satee pramaanikata kehi kaaran । basundhara siy ke hiy dhaaran ।38।
avani suta avanee maan soee । raam jaanakee yahee vidhi khoee ।39।
pativrata maryaadit maata । seeta satee navaavon maatha ।40।

। doha ।

janakasuta avanidhiya raam priya lav-kush maat ।
charanakamal jehi un basai seeta sumirai praat ।
। iti shree seeta maata chaaleesa sampoornam ।

 सीता चालीसा का पाठ करने के फायदे/Benefits of Sita Chalisa

  • सीता चालीसा के पाठ करने से जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
  • ऐसा माना जाता है की रामप्रिय सीता चालीसा का पाठ करने से माता सीता के साथ ही और भगवान राम की भी कृपा प्राप्त होती है।
  • सीता चालीसा पाठ करने से सभी कार्य सफल हो जाते हैं।
  • सीता चालीसा का पाठ करने से माता सीता सभी दुखों को नष्ट कर देती है।
  • माता सीता चालीसा का पाठ करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
  • माता सीता एक पतिव्रता नारी का प्रतिक हैं, इनकी पूजा करने से भक्त भवसागर को पार कर जाता है, अथार्त जीवन मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त करना संभव हो जाता है।
  • सीता चालीसा का पाठ करने से वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी नहीं आती है।
  • सीता चालीसा का पाठ करने से पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
  • सीता चालीसा का पाठ करने से वैवाहिक जीवन सुख समृद्धि युक्त होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *