Sogandh Ram Ki Khate Hai Lyrics || सौगंध राम की खातें हैं लिरिक्स

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कोटि कोटि हिन्दुजन का,
हम ज्वार उठा कर मानेंगे ।
सौगंध राम की खाते हैं,
भारत को भव्य बनाएंगे ।।

भारत को भव्य बनाएंगे ।।

भ्रष्टाचार से मुक्त हो भारत,
ऐसी अलख जगाएंगे ।
देश द्रोह करने वालो को,
मिलकर सबक सिखाएंगे ।।

हमें अपनी भारत माँ के,
वैभवशाली गीत गूंजाएंगे ।
जो रचे यहाँ आतंकी रचना,
भेंट मौत के चढाएंगे ।।

सोने की चिडिया भारत माँ हो,
ऐसा स्वप्न सजाएंगे ।
सौगंध राम की खातें हैं,
भारत को भव्य बनाएंगे ।।

भारत को भव्य बनाएंगे।।

जन जन के मन में राम रमे,
हर प्राण प्राण मे सीता है ।
कंकर कंकर शंकर इसका,
हर स्वास स्वास मे गीता है ।।

जीवन की धड़कन रामायण,
पग पग पर बनी पुनीता है ।
यदि राम नही है स्वासो मे,
तो प्राणो का घट रिता है ।।

नर नाहर श्री पुरूषोत्तम का,
हम रामराज फिर लाएंगे ।
सौगंध राम की खातें हैं,
भारत को भव्य बनाएंगे ।।

भारत को भव्य बनाएंगे ।।

जो नीती अपावन शासन की,
वह नीती तोड़ कर मांगेगे ।
जो सत्ता पद मे भरा हुआ,
वो कुंभ फोड कर मांगेगे ।।

जो फैल रही है आंगन में,
विष वेल कुचल कर मानेगे ।
जो स्वप्न देखते बाबर के,
अरमान मिटा कर मानेगें

कितना पशुबल है दानव मे,
हम उसे तोल कर मानेगे ।
सौगंध राम की खातें हैं,
भारत को भव्य बनाएंगे

कोटि कोटि हिन्दुजन का,
हम ज्वार उठा कर मानेंगे ।
सौगंध राम की खाते हैं,
भारत को भव्य बनाएंगे ।।

भारत को भव्य बनाएंगे ।।

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