इस तरह शरीर त्याग करने वाला ब्रह्म को प्राप्त होता है
अग्निर्ज्योतिरह: शुक्ल: षण्मासा उत्तरायणम् | तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जना: || 24|| अर्थ: अग्नि, ज्योति, दिवस, शुक्ल पक्ष, उत्तरायण...
अग्निर्ज्योतिरह: शुक्ल: षण्मासा उत्तरायणम् | तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जना: || 24|| अर्थ: अग्नि, ज्योति, दिवस, शुक्ल पक्ष, उत्तरायण...
यत्र काले त्वनावृत्तिमावृत्तिं चैव योगिन:| प्रयाता यान्ति तं कालं वक्ष्यामि भरतर्षभ|| गीता 8/23|| अर्थ: हे भरत श्रेष्ठ! जिस काल में...
पुरुष: स पर: पार्थ भक्त्या लभ्यस्त्वनन्यया। यस्यान्त:स्थानि भूतानि येन सर्वमिदं ततम्।। गीता 8/22।। अर्थ: हे पार्थ ! जिस परम पुरुष...
मामुपेत्य पुनर्जन्म दु:खालयमशाश्वतम्। नाप्नुवन्ति महात्मान: संसिद्धिं परमां गता: ।। गीता 8/15।। अर्थ : परम सिद्धि को प्राप्त महान आत्माएं, मुझको...
न मां दुष्कृतिनो मूढा: प्रपद्यन्ते नराधमा: | माययापहृतज्ञाना आसुरं भावमाश्रिता: ||गीता 7/15|| अर्थ: माया ने जिनका ज्ञान हर लिया है...
चतुर्विधा भजन्ते मां जना: सुकृतिनोऽर्जुन। आर्तो जिज्ञासुरर्थार्थी ज्ञानी च भरतर्षभ || गीता 7/16|| अर्थ: हे भरतश्रेष्ठ अर्जुन ! चार प्रकार...
तेषां ज्ञानी नित्ययुक्त एक भक्ति र्विशिष्यते| प्रियो हि ज्ञानिनोऽत्यर्थमहं स च मम प्रिय || गीता 7/17 || अर्थ: उनमें से...
उदारा: सर्व एवैते ज्ञानी त्वात्मैव मे मतम्। आस्थित: स हि युक्तात्मा मामेवानुत्तमां गतिम्|| 7/18 ये सभी निश्चित रूप से उदार...
बहूनां जन्मनामन्ते ज्ञानवान्मां प्रपद्यते। वासुदेव: सर्वमिति स महात्मा सुदुर्लभ:।। गीता 7/19।। अर्थ : अनेक जन्मों के अंत में जो ज्ञानवान...
रसोऽहमप्सु कौन्तेय प्रभास्मि शशिसूर्ययो: | प्रणव: सर्ववेदेषु शब्द: खे पौरुषं नृषु || गीता 7/8|| अर्थ : हे अर्जुन ! मैं...
कामैस्तैस्तैर्हृतज्ञाना: प्रपद्यन्तेऽन्यदेवता:। तं तं नियममास्थाय प्रकृत्या नियता: स्वया।। 7/20 जिन लोगों का ज्ञान कामनाओं की वजह से समाप्त जा चुका...
पुण्यो गन्ध: पृथिव्यां च तेजश्चास्मि विभावसौ। जीवनं सर्वभूतेषु तपश्चास्मि तपस्विषु।।7/9 मैं पृथ्वी में पवित्र गंध हूं, अग्नि में तेज हूं,...