फिरय शंभू के करनमा मैथिली लोकगीत || मैथिली शिव भजन लिरिक्स || Maithili Shiv Bhajan Lyrics
फिरय शंभू के करनमा, गौरी दाइ वन-वन मे ना अन्न त्यागल, पानि त्यागल, त्यागल परनमा बेलपात चिबाय गौरी राखल जीवनमा...
फिरय शंभू के करनमा, गौरी दाइ वन-वन मे ना अन्न त्यागल, पानि त्यागल, त्यागल परनमा बेलपात चिबाय गौरी राखल जीवनमा...
संगी सखि हे बहिना हम आइ देखल एक सपना हे हम आइ देखल एक सपना हमरो साजन बूढ़ बर छथि...
चलू सखि देखन गौरी बरियतिया हे देखइत बूढ़ बर फाटे मोर छतिया हे गालो चोकटल, फूलल मुह, अूटल छनि दंतिया...
गौरी बर अएला अलख लखिया, चलू देखू सखिया हे बर के ने माय-बाप कुल-जतिया, भूत ओ प्रेत संग बरियतिया बसहा...
ना जायब, ना जायब, ना जायब हे सखि गौरी अंगनमा गौरी अंगनमा सखि, पारबती अंगनमा बहिरा साँपक मांड़ब बनाओल, तेलिया...
दुर-दुर नारद एहन बर लयलौं कोना पढ़ि पोथी ओ पतरा बिसरलौं कोना बसहा पीठ छथि असवार, कर त्रिशूल-मुन्डमाल पैर फाटल...
आजु सदाशिव शंकर हर के देखलौं गे माइ हर के देखलौं गे माई एहन स्वरूप शिवशंकर, शोभा वरनि न जाइ...
बाटमे दौड़ी-दौड़ी सभसँ पुछथि गौरी कि आहो रामा, हमरो सदाशिव के केओ देखल रे की देहमे भस्म लेपे, आठो अंग...
देखू सखि दाइ माइ, ठकलक बभना आइ पहिने सुनैत छलियनि जस तीन भुवन, आब सुनैत छियनि घर नहि आंगन भोला...
देखल ने एहन जमाइ गे माइ भन-भन भृंग भनकय, सखि हे सह-सह करनि साँप आगू-पाछू भूत भभूत लए कर, देखि...
गे माई हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब, मोर गौरी रहती कुमारी गे माई भूत-प्रेत बरिआती अनलनि, मोर जिया गेल...
देखिते भोला के सुरतिया, सखिया पागल भेलै ना अंग विभूति गले सर्पमाला, पहिरन हिनकर बाघक छाला बसहा के कएल पलकिया,...