योनि स्तवराज – Yoni Stavaraj
श्रीयोनिस्तवराजः- योनि- स्तोत्र एवं कवच आदि का पाठ करने से पूर्व उत्तम साधक को योनि का ध्यान करना चाहिए ।...
श्रीयोनिस्तवराजः- योनि- स्तोत्र एवं कवच आदि का पाठ करने से पूर्व उत्तम साधक को योनि का ध्यान करना चाहिए ।...
जिस शक्ति को हम जानते, समझते और अनुभव करते हैं, उन्हें बाहरी देश एंजेल कहकर खारिज कर देते हैं. पर...
यह 'योनि-कवच' अतीव गुह्यतम अर्थात् बहुत ही गुप्त है, जिसका वर्णन भगवान शिव ने माँ पार्वती से किया है ।...
स्तोत्र श्रृंखला में पराशक्ति से युक्त शिव की स्तुति करते हुए, ऋषिकेश में गङ्गा के तट पर त्रिवेणी नामक घाट...
प्रह्लादकृत इस श्रीनृसिंह कवच का पाठ करने से सारे मनोरथ पूर्ण होता है और सभी रोग व बाधा दूर होकर...
भगवती गायत्री का यह दिव्य कवच सैकड़ों विघ्नों का विनाश करनेवाला, चौंसठ कलाओं तथा समस्त विद्याओं को देनेवाला और मोक्ष...
गायत्री मन्त्र के अक्षरों के क्रम से मनुष्य के शरीर के समस्त अंगों की रक्षा की प्रार्थना की गयी है।...
शिवसूत्र में तीन उन्मेष हैं। प्रथम शांभव उन्मेष में योग की परावस्था वर्णित है। द्वितीय उन्मेष शाक्तोपाय में चंचल मन...
शिवसूत्र में शाम्भव, शाक्त एवं आणव तीन प्रकरण हैं। तृतीय आणवोपाय उन्मेष में आत्मा, माया आदि विषयों का निरूपण किया...
रुद्रयामल तंत्र पटल ४४ में मणिपूर भेदन के प्रसङ्ग में ही त्रितत्त्वलाकिनी शक्ति का स्तवन किया गया है। मणिपूर का...
रुद्रयामल तंत्र पटल ४५ में वर्णं ध्यान का वैशिष्ट्य निरूपित है। पूर्वादि दल से लेकर सभी वर्णों का पृथक्-पृथक् ध्यान...
स्तोत्र श्रृंखला के श्रीमद् शङ्कराचार्यविरचित धन्याष्टक में कौन धन्य है कहा गया है । धन्याष्टकम् तज्ज्ञानं प्रशमकरं यदिन्द्रियाणां तज्ज्ञेयं यदुपनिषत्स...