राग और द्वेष से मुक्त होकर ही सुखी जीवन संभव है Rag Aur Dwesh Se Mukt Hokar Hi Sukhi Jivan Sambhav Hai
राग और द्वेष से मुक्त होकर ही सुखी जीवन संभव है राग और...
राग और द्वेष से मुक्त होकर ही सुखी जीवन संभव है राग और...
मन का प्रभाव सारे शरीर पर पड़ता है इस प्रभाव को यदि गहराई से देखना हो तो उसे बोलचाल की...
इस दुनिया में ऐसे कम ही लोग होंगे जो सम्मान नहीं चाहते हैं। वैसे तो सभी सम्मान के ही भूखे...
आत्मा के अध्ययन को अध्यात्म कहते हैं जब हम अपने शरीर में स्थित आत्मा को पहचान लेते हैं जान लेते...
जब हमारा मन अपने आप को अज्ञानता के कारण सर्वश्रेष्ठ मानने लगता है , तो उसे अहंकार की संज्ञा दी...
यह तभी संभव है जब ह्रदय का विस्तार हो, विस्तारित हृदय के द्वारा ही परपीड़ा की सहानभूति की छमता मनुष्य...
योग में यम और नियम का महत्वपूर्ण स्थान है ।बिना यम और नियम का पालन किए हुए व्यक्ति योगी नहीं...
जिस प्रकार सवाल किया गया है कि अधिक प्रभावी जिम है या योगा। क्योंकि योग के माध्यम से मनुष्य अपने...
वीरभद्रासन जिसको एक योद्धा का नाम दिया जाता है। इस आसन का नाम भगवान शिव के अंश अवतार वीरभद्र, था...
जीवन की अनजानी, बिना देखी हुई, अंधेरी राहों में यह डर सदैव ही हमें डराता रहता है कि पता नहीं,...
अब तक का जो अनुभव है जो लोगों ने पढ़ा है और समझा है, उसका सार बताता हूं।वह सार कोई...
तात्पर्य है कि परमात्मा में कोई भेद नहीं है किसी तरह का भी भेद नहीं है। भेद तीन प्रकार का...