He Ganpati Jaga Do Kismat Kyo Soti Lyrics || हे गणपति जगा दो किस्मत क्यों सोती लिरिक्स

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हे गणपति जगा दो, किस्मत क्यों सोती,
द्वारे पे तेरे आके, बेटी तुम्हारी रोती ।
तुम ज्ञान की हो मूरत, प्यारी तुम्हारी सूरत,
ऐसी तुम्हारी ज्योति, कंकर भी बनता मोती ।।

हे गणपति जगा दों, किस्मत क्यों सोती ।
द्वारे पे तेरे आके, बेटी तुम्हारी रोती ।।

हे गौरा माँ के नंदन, चौखट पे मैं तो आई,
मेरे पुरे काज कर दो, बड़ी आस लेके आई, ।
तुम विघ्नों के हो हर्ता, तुम्हे कहते सुख कर्ता,
फिर ऐसे ही ये बेटी, जीवन को क्यों है खोती ।।

हे गणपति जगा दों, किस्मत क्यों सोती ।
द्वारे पे तेरे आके, बेटी तुम्हारी रोती ।।

मेरा कोई ना ठिकाना, जग करता है बहाना,
मेरा आसरा हो तुम ही, खाली नहीं लौटाना ।
मुझ पे भी मेहर करदो, मेरी भी झोली भरदो,
मैं आंसुओ से अपने, चरणों को तेरे धोती ।।

हे गणपति जगा दों, किस्मत क्यों सोती ।
द्वारे पे तेरे आके, बेटी तुम्हारी रोती ।।

मेरी मांग अमर रखना, रहूँ सदा सुहागन,
मेरी गोद खेले ललना, महके सदा ही आँगन ।
पूरी मुराद करना, भंडार मेरे भरना,
हो जाए वारे न्यारे, जिस पर कृपा है होती ।।

हे गणपति जगा दों, किस्मत क्यों सोती ।
द्वारे पे तेरे आके, बेटी तुम्हारी रोती ।।

हे गणपति जगा दो, किस्मत क्यों सोती,
द्वारे पे तेरे आके, बेटी तुम्हारी रोती ।
तुम ज्ञान की हो मूरत, प्यारी तुम्हारी सूरत,
ऐसी तुम्हारी ज्योति, कंकर भी बनता मोती ।।

हे गणपति जगा दों, किस्मत क्यों सोती ।
द्वारे पे तेरे आके, बेटी तुम्हारी रोती ।।

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