नीलरुद्रोपनिषद् तृतीय खण्ड || Nilarudropanishad Part 3
नीलरुद्रोपनिषद् अथर्ववेदीय उपनिषद् कहा जाता है । इसमे तीन खण्ड है। प्रथम खण्ड में भगवान रुद्र व द्वितीय खण्ड में...
नीलरुद्रोपनिषद् अथर्ववेदीय उपनिषद् कहा जाता है । इसमे तीन खण्ड है। प्रथम खण्ड में भगवान रुद्र व द्वितीय खण्ड में...
नीलरुद्रोपनिषद् अथर्ववेदीय उपनिषद् कहा जाता है । इसमे भगवान नीलकंठ की स्तुति गान किया गया है इस उपनिषद् में तीन...
आत्मा या आत्मन् पद भारतीय दर्शन के महत्त्वपूर्ण प्रत्ययों (विचार) में से एक है। यह उपनिषदों के मूलभूत विषय-वस्तु के...
शुक्ल यजुर्वेद से सम्बन्धित इस हंस उपनिषद् या हंसोपनिषत् या हंसोपनिषद् में कुल इक्कीस मन्त्र हैं। इसमें ऋषि गौतम और...
कुंडिका का अर्थ है "जल धारक" या "छात्र का पानी-बर्तन।" कुण्डिका उपनिषद कब और कैसे किसी का त्याग कर सकता...
जाबाल उपनिषद या जाबालोपनिषद् या जाबालोपनिषत् एक प्राचीन ग्रन्थ है, जिसकी रचना ३०० ईस्वी पूर्व हुई थी। यह सबसे पुराने...
परमहंसपरिव्राजक उपनिषद अथर्ववेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। यह उपनिषद संस्कृत भाषा में लिखित है। यह सन्न्यासाश्रम सम्बन्धी एक...
अद्वयतारक उपनिषद् - अद्वैतकारक एक समग्र संस्कृत शब्द है, जिसमें आद्य (अद्वैत) शामिल है, जिसका अर्थ है "गैर-पहचान, पहचान, एकता,...
अमृतबिन्दु उपनिषद् कृष्ण यजुर्वेदीय उपनिषद है। यह एक परवर्ती छोटी उपनिषद है। जो प्राय: दैनन्दिन जीवन की आचार नियमावली सदृश...
एकाक्षर उपनिषद् यजुर्वेद से संबंधित है। इन्हें एकाक्षर, एकाक्षर उपनिषद, एकाक्षर उपनिषद्, एकाक्षरोपनिषद्, एकाक्षरोपनिषत् भी कहा जाता है जिसमे बताया...
गर्भ उपनिषद (संस्कृत: गर्भ उपनिषद) या गर्भोपनिषत् या गरबोपनिषद "एम्ब्रियो पर गूढ़ सिद्धांत" नाबालिग में से एक है उपनिषदों, १०८...
इस अध्यात्म उपनिषद या अध्यात्मोपनिषत् का उपदेश सर्वप्रथम भगवान सदाशिव ने किया है, इनसे होता हुआ यह विद्या क्रमशः अपान्तरतम,...