श्रीमद्भगवद्गीता सातवाँ अध्याय || Shri Mad Bhagavat Gita Satavan Adhyay
श्रीमद्भगवद्गीता सातवाँ अध्याय की संज्ञा ज्ञानविज्ञान योग है। ये प्राचीन भारतीय दर्शन की दो परिभाषाएँ हैं। उनमें भी विज्ञान शब्द...
श्रीमद्भगवद्गीता सातवाँ अध्याय की संज्ञा ज्ञानविज्ञान योग है। ये प्राचीन भारतीय दर्शन की दो परिभाषाएँ हैं। उनमें भी विज्ञान शब्द...
श्रीमद्भगवद्गीता आठवाँ अध्याय की संज्ञा अक्षर ब्रह्मयोग है। उपनिषदों में अक्षर विद्या का विस्तार हुआ। गीता में उस अक्षरविद्या का...
श्रीमद्भगवद्गीता नवम अध्याय को राजविद्याराजगुह्ययोग कहा गया है, अर्थात् यह अध्यात्म विद्या विद्याराज्ञी है और यह गुह्य ज्ञान सबमें श्रेष्ठ...
श्रीमद्भगवद्गीता दसवां अध्याय का नाम विभूतियोग है। इसका सार यह है कि लोक में जितने देवता हैं, सब एक ही...
श्रीमद्भगवद्गीता ग्यारहवाँ अध्याय का नाम विश्वरूपदर्शन योग है। इसमें अर्जुन ने भगवान का विश्वरूप देखा। विराट रूप का अर्थ है...
श्रीमद्भगवद्गीता बारहवाँ अध्याय का नाम भक्तियोग है। जब अर्जुन ने भगवान का विराट रूप देखा तो उसके मस्तक का विस्फोटन...
श्रीमद्भगवद्गीता तेरहवाँ अध्याय नाम क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग है। इस अध्याय में एक सीधा विषय क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ का विचार है। यह शरीर...
श्रीमद्भगवद्गीता चौदहवाँ अध्याय का नाम गुणत्रय विभाग योग है। यह विषय समस्त वैदिक, दार्शनिक और पौराणिक तत्वचिंतन का निचोड़ है-सत्व,...
इससे पूर्व आपने एकादशी व्रत कथा में आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में योगिनी एकादशी व्रत कथा पढ़ा। अब पढेंगे...
इससे पूर्व आपने एकादशी व्रत कथा में श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में कामिका एकादशी व्रत कथा पढ़ा। अब पढेंगे...
इससे पूर्व आपने एकादशी व्रत कथा में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में पुत्रदा एकादशी व्रत कथा पढ़ा। अब पढेंगे...
इससे पूर्व आपने एकादशी व्रत कथामें भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में अजा एकादशी व्रत कथा पढ़ा। अब पढेंगे की-...