मुकुन्द मुक्तावली || Shri Mukunda Muktavali
मुकुन्द मुक्तावली || Shri Mukunda Muktavali नवजलधरवर्णं चम्पकोद्भासिकर्णं विकसित नयनास्यं विस्फुरन्मन्दहासम् । कनकरुचिदुकूलं चारुबर्हावतंसं कमपि निखिलसारं नौमि गोपीकुमारम् ॥१॥ सजलजलदनीलं...
मुकुन्द मुक्तावली || Shri Mukunda Muktavali नवजलधरवर्णं चम्पकोद्भासिकर्णं विकसित नयनास्यं विस्फुरन्मन्दहासम् । कनकरुचिदुकूलं चारुबर्हावतंसं कमपि निखिलसारं नौमि गोपीकुमारम् ॥१॥ सजलजलदनीलं...