Sri Jagannathanc Pahakam

श्री जगन्नाथ पञ्चकम् – Sri Jagannath Panchakam -Sri Jagannathanc Pahakam

रक्ताम्भोरुहदर्पभञ्जनमहासौन्दर्यनेत्रद्वयम् मुक्ताहारविलंबिहेममकुटं रत्नोज्ज्वलत् कुण्डलम् ।वर्षामेघसमाननीलवपुषं ग्रैवेयहारान्वितम् पार्श्वे चक्रधरं प्रसन्नवदनं नीलाद्रिनाथं भजे ॥ १ ॥ फुल्लेन्दीवरलोचनं नवघनश्यामाभिरामाकृतिम् विश्वेशं कमलाविलासविलसत् पादारविन्दद्वयम् ।...