Tan Koi Chhuta Nahi Chetan Nikalne Ke Baad Lyrics || तन कोई छूता नही चेतन निकल जाने के बाद लिरिक्स

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तन कोई छूता नही,
चेतन निकल जाने के बाद,
फेंक देते है फूल को भी,
खुशबु निकल जाने के बाद,
तन कोई छूता नही,
चेतन निकल जाने के बाद।।

भाग जाते हंस भी,
निर्जल सरोवर देखकर,
छोड़ जाते पेड़ पंछी,
पत्ता झड़ जाने के बाद,
तन कोई छूता नहीं,
चेतन निकल जाने के बाद।।

तबतक रिश्ते नाते रहते,
जबतक पैसा पास में,
छोड़ जाते सगे संबंधी,
दौलत निकल जाने के बाद,
तन कोई छूता नहीं,
चेतन निकल जाने के बाद।।

कहत कबीर सुन मन मूरख,
भजन कर श्री राम का,
घबराएगा पछतायेगा,
यमदूत आ जाने के बाद,
तन कोई छूता नहीं,
चेतन निकल जाने के बाद।।

तन कोई छुता नही,
चेतन निकल जाने के बाद,
फेंक देते है फूल को भी,
खुशबु निकल जाने के बाद,
तन कोई छूता नहीं,
चेतन निकल जाने के बाद।।

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