mantr chhota reet naee aasaan hamane paee hai || मंत्र छोटा रीत नई आसान हमने पाई है
मंत्र छोटा रीत नई आसान हमने पाई है
छोटे छोटे संस्कारों से बात बडी बन जाती है ॥२
बाते करने से क्या होता नियमित होना पडता है
नियमित शाखा जाते जाते अनुशासन फिर आता है
अनुशासन ही संस्कारों का पंथ खुला कर देता है ॥
छोटे छोटे संस्कारों से बात बडी बन जाती है
शाखा मे हम ऐसे खेले जिससे प्रेम उमडता हो
कुछ बौद्धिक हो गीत गान हो धर्म ग्यान की चर्चा हो
भगवा ध्वज हो नित्य सामने त्याग भावना पलती है ॥
छोटे छोटे संस्कारों से बात बडी बन जाती है
सुख दुख मे हम साथ रहें परिवार रहे हर संपर्कित
यह समाज मेरा अपना है प्रेम भावना हो अंकित
गुरु-पूजा हो श्रद्धा से विस्तार तपस्या होती है ॥
छोटे छोटे संस्कारों से बात बडी बन जाती है
वीर सुतों के दिव्य तेज से भू पर तारांगण आए
जगत निरामय करने हेतु सेवा-व्रत हम अपनाए
इसी मंत्र से इसी तंत्र से विश्व धर्म जय होती है ॥
छोटे छोटे संस्कारों से बात बडी बन जाती है।
मंत्र छोटा रीत नई आसान हमने पाई है
छोटे छोटे संस्कारों से बात बडी बन जाती है ॥