कठोपनिषद प्रथम अध्याय प्रथम वल्ली || Kathopanishad Pratham Adhyay Pratham Valli
प्राणी इस धरा-धाम में एक अनंत शून्य से खाली हांथ आता है और यहाँ पाप-पुण्य,धर्म-अधर्म,लाभ-हानि,धन-दौलत व रिश्ते-नाते बनाते हुए खाली...
प्राणी इस धरा-धाम में एक अनंत शून्य से खाली हांथ आता है और यहाँ पाप-पुण्य,धर्म-अधर्म,लाभ-हानि,धन-दौलत व रिश्ते-नाते बनाते हुए खाली...
वैभवलक्ष्मी व्रत - यह व्रत शीघ्र फलदायी हैं किन्तु फल न दे तो तीन माह के बाद फिर से व्रत...
12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में केदारनाथ (उत्तराखंड)...