हे दयामय हम सबों को शुद्धताई दीजिये लिखित भजन He Dayamay Ham Sabo ko Lyrics

हे दयामय हम सबों को शुद्धताई दीजिये । ।
दूर करके हर बुराई को भलाई दीजिये ॥

कीजिये हम पर कृपा ऐसी अहो परमात्मा ।
हों सभासद इस सभा के सब के सब धर्मात्मा ॥ १ ॥

हो उजाला सब के मन में ज्ञान के प्रकाश से ।
और अन्धेरा दूर सारा हो अविद्या नाश से ॥ २ ॥

खोटे कर्मों से बचें और तेरे गुण गावें सभी ।
छूट जावें दु:ख सारे सुख सदा पावें सभी ॥ ३ ॥

सारी विद्याओं को सीखें ज्ञान से भरपूर हों ।
श्रेष्ठ कर्मों में हों तत्पर दुष्ट गुण सब दूर हों ॥ ४ ॥

यज्ञ हवन से हो सुगन्धित अपना भारतवर्ष देश ।
वायु जल सुखदायी होवें जायें मिट सारे क्लेश ॥ ५ ॥

वेद के प्रचार में होवें सभी पुरुषार्थी ।
होवे आपस में प्रीति और बनें परमार्थी ॥ ६ ॥

लोभी कामी और क्रोधी कोई भी हम में न हो ।
सर्व व्यसनों से बचें और छोड़ देवें मोह को ॥ ७ ॥

अच्छी संगत में रहें और वेद – मारग पर चलें ।
तेरे ही होवें उपासक और कुकर्मों से बचें ॥ ८ ॥

कीजिए हम सब का हृदय शुद्ध अपने ज्ञान से ।
मान भक्तों में बढ़ाओ अपने भक्ति दान से ॥ ९ ॥

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