Ek Yeh Vardaan Do | यह वरदान

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मां बस यह वरदान चाहिए

जीवन-पथ जो कंटकमय हो
विपदाओं का घोर वलय हो
किन्तु कामना एक यही बस
प्रतिपल पग गतिमान चाहिए
मां बस यह वरदान चाहिए

ह्रास मिले या त्रास मिले
विश्वास मिले या फाँस मिले
गरजे क्यों न काल ही सम्मुख
जीवन का अभिमान चाहिए
मां बस यह वरदान चाहिए

जीवन के इन संघर्षो में
दुःख-कष्ट के दावानल में
तिल-तिल कर तन जले क्यों न पर
होंठों पर मुस्कान चाहिए
मां बस यह वरदान चाहिए

कंटक पथ पर गिरना चढ़ना
स्वाभाविक है हार जीतना
उठ-उठ कर हम गिरें उठें फिर
पर गुरुता का ज्ञान चाहिए
मां बस यह वरदान चाहिए

मेरी हार देश की जय हो
स्वार्थ -भाव का क्षण-क्षण क्षय हो
जल-जल कर जीवन दूं जग को
बस इतना सम्मान चाहिए
मां बस यह वरदान चाहिए

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