Jai Ganpati Duvidha Hati Lyrics || जय गणपति दुविधा हटी लिरिक्स
जय गणपति दुविधा हटी,
जो तुमको किया प्रणाम ।
नाम जो ले तेरा सबसे पहले,
पूर्ण करना काम ।।
जय गणपति दुविधा हटी..हो….. ।।
रिद्धि सिद्धि के तुम दाता,
प्रथमे तुम्हें मनाएं हम ।
विघ्न हरण है सुखदाता,
सब सुख तुम्ही से पाए हम ।।
देवी देव मनाए तुमको ।
हम बालक अनजान ।।
जय गणपति दुविधा हटी..हो….. ।।
मिटते शक्ल क्लेश ही,
नाम गजानन ध्याने से ।
काम सफल हो जाते सारे,
गौरी लाल मनाने से ।।
अच्छा होता है गणपति ।
जपने का अंजाम ।।
जय गणपति दुविधा हटी..हो…. ।।
तीनो लोक के स्वामी हो,
मूषक बना सहायक है ।
नाम अनेकों प्रभु तेरे,
वक्रतुंड गणनायक है ।।
कर लो अब स्वीकार विनायक,
करता श्याम प्रणाम ।
जय गणपति दुविधा हटी,
जो तुमको किया प्रणाम ।।
नाम जो ले तेरा सबसे पहले ।
पूर्ण करना काम ।।
जय गणपति दुविधा हटी..हो….. ।।