मत्स्य स्तुति – Matsya Stuti
भगवान् नारायण के मत्स्य के स्वरूप की जो भक्त भक्ति भावना से पूजा और इस स्तुति का पाठ करता है...
भगवान् नारायण के मत्स्य के स्वरूप की जो भक्त भक्ति भावना से पूजा और इस स्तुति का पाठ करता है...
कालिका पुराण अध्याय ३१ में शरभ वाराह युद्ध का वर्णन है। कालिका पुराण अध्याय ३१ मार्कण्डेय महर्षि ने कहा- इसके...
भगवान नारायण को प्रसन्न करने के लिए सब देवों ने जिस गरुड़ध्वज स्तवन को किया था। इसका नित्य पाठ करने...
कालिका पुराण अध्याय ३० में शंकर वाराह संवाद का वर्णन है। कालिका पुराण अध्याय ३० ऋषियों ने कहा- जो भगवान...
कालिका पुराण अध्याय २९ में सारासार निरुपण का वर्णन है। कालिका पुराण अध्याय २९ मार्कण्डेय मुनि ने कहा- यह सम्पूर्ण...
कालिका पुराण अध्याय २८ में सृष्टि कथन २ का वर्णन है। कालिका पुराण अध्याय २८ मार्कण्डेय मुनि ने कहा-...
लोकों के पितामह ब्रह्माजी निद्रा को त्याग करके पुनः सृष्टि की रचना के लिए समुत्थित हुए तब उन्होंने देखा कि...
अग्निपुराण अध्याय ५५ पिण्डिका का लक्षण का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः ५५, पिण्डिकालक्षणकथनम् भगवानुवाच अतः परं प्रवक्ष्यामि प्रतिमानान्तु पिण्डिकाम्। दैर्घ्येण...
अग्निपुराण अध्याय ५४ लिङ्ग-मान एवं व्यक्ताव्यक्त लक्षण आदि का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः ५४, लिङ्गमानादिकथनम् भगवानुवाच वक्ष्याम्यन्यप्रकारेण लिङ्गमानादिकं श्रृणु। वक्ष्ये...
अग्निपुराण अध्याय ५३ लिङ्ग* आदि का लक्षण का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः ५३ , लिङ्गलक्षणम् भगवानुवाच लिङ्गादिलक्षणं वक्ष्ये कमलोद्भव तच्छृणु...
अग्निपुराण अध्याय ५२ चौंसठ योगिनी आदि की प्रतिमाओं के लक्षण का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः ५२, देवीप्रतिमालक्षणम् भगवानुवाच योगिन्यष्टाष्टकं...
अग्निपुराण अध्याय ५१ सूर्यादि ग्रहों तथा दिक्पाल आदि देवताओं की प्रतिमाओं के लक्षणों का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः ५१, सूर्य्यादिप्रतिमालक्षणम्...